[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
[ad_1]
स्विट्जरलैंड का एक मूल निवासी बीते 4 दशकों से भारत की पारम्परिक विरासत, संस्कृति और धर्म के रक्षक के तौर पर खड़े रहने के साथ साथ आज देश के एक पिछड़े इलाके में शिक्षा जैसी समाजसेवा में भी जी जान से जुटा है। मिलिए ओंकारानंद आश्रम हिमालयाज के प्रमुख और ऋषिकेश के ऋषि विश्वेश्वरानंद सरस्वती से।
[ad_2]
Source link