उत्तर प्रदेश

कानपुर देहात में स्वास्थ्य महकमे की खुली पोल, सरकार का बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा हुआ फेल

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

उत्तर प्रदेश सरकार पूरे देश में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के दावे करती भले ही नजर आ रही हो, भरे मंच से बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं कि प्रदेश में कोई भी उपचार के अभाव में ना रहे ऐसा सरकार हर किसी को बेहतर उपचार मुहैया कराने के दावे करती दिखती है. कानपुर देहात का स्वास्थ्य महकमा लगातार प्रदेश सरकार के दावों की पोल खोल रहा है या यूं कहें कि सरकारी स्वास्थ्य महकमा सरकार की योजनाओं में पलीता लगा रहा है. अपने कारनामों से कानपुर देहात का स्वास्थ्य महकमा आए दिन सुर्खियों में बना रहता है.

मरीजों से हो रही है पैसों की उगाही

स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों को एक्सपायरी डेट की दवाएं लगाई जा रही है या फिर कोविड-19 के नाम पर ₹10 की उगाही की जा रही हो ऐसा ही एक मामला जनपद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कैमरे में कैद हो गया जहां गर्भवती महिलाओं के परिजनों से प्रसव के नाम पर 1000 हजार रुपए की उगाही की जा रही है. कानपुर देहात के सिकंदरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जहां पर स्वास्थ्य व्यवस्था है चरमरा गई है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बद से बत्तर हो गई है जहां एक ओर सरकार मुफ्त इलाज के दावे कर रही है तो वही कानपुर देहात के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के नाम पर धन उगाही की जा रही है. दरअसल आरोप है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एक महिला नर्स पर जो गर्भवती महिलाओं से प्रसव के नाम पर ₹1000 तक की वसूली की जा रही है.  

स्वास्थ्य विभाग के अंदर हो रहे इस तमाशे को जहां कुछ तीमारदार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक से इस बाबत शिकायत कर रहे हैं कि उनसे प्रसव के नाम पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात महिला नर्स द्वारा जबरन तरीके से पैसों की मांग की जा रही है.

सरकार का मुफ्त इलाज का दावा फेल

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार मुफ्त इलाज जनता को देने की बात कर रहे हैं तो वहीं इलाज के नाम पर गरीब और असहाय जनता से स्वास्थ्य विभाग की यह वसूली पूरे स्वास्थ्य महकमे पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है और साथ ही प्रदेश सरकार की योजनाओं की तस्वीर बया कर रही है. वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिलाओं को बेड तक उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं महिलाएं गर्भावस्था में अस्पताल की जमीन पर गंदगी के बीच लेती हैं और इनका हाल पूछने वाला भी कोई नहीं है गंदगी का अंबार लगा हुआ है. लोग मजबूरी में इलाज कराने को मजबूर हो रहे हैं.

लिखित शिकायत पर होगी जांच

 अधीक्षक साहब इस बात को भी कह रहे हैं की लिखित में शिकायत मिलने पर इसकी जांच कराएंगे वहीं स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के जमीन में लेटे होने की बात पर अधीक्षक साहब ने कहां की आज महिलाओं के प्रसव में बहुत भीड़ है. जिसके चलते यह हालत हो रही है तो गंदगी पर डॉक्टर साहब ने साफ सफाई होने की बात कही है वही स्वास्थ्य विभाग के अधीक्षक ने बताया की पीड़ितों द्वारा प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की गई है.

 जिस को संज्ञान में लेते हुए जांच कर कार्रवाई की जाएगी साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जांच के वक्त अमूमन लोग जब हमको बुलाया जाता है तो वह अपने बयान से और अपनी शिकायत प्रार्थना पत्र से पीछे हट जाते हैं फिर भी इस तरीके की शिकायत सामने आई है जिस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन जब सब कुछ अधीक्षक महोदय को पता है और वह खुद भी स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद रहते हैं तो भला इस तरह की व्यवस्था है स्वास्थ्य केंद्र में कैसे संचालित हो रही है.

यह भी पढ़ें:

Chhath Puja Arti: छठी मैय्या का आशीर्वाद पाने के लिए पूजा के दौरान आरती का है बहुत महत्व, व्रती जरूर पढ़ें ये आरती

Stubble Burning: हरियाणा की तुलना में पंजाब में ज्यादा जलाई जा रही है पराली, अब तक सामने आए हजारों मामले

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button