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भीषण दर्द से दुख से लोक अक्सर टूट जाते हैं सपने छूट जाते हैं। कभी-कभी तो आसमाजिक और गैर गतिविधियों की ओर लोग मुड़ भी जाते हैं। पर गंगा किनारे का एक सकारतमक युवा एक ऐसा भी है जो ना टूटा और ना गलत कामों में जुटा। बल्कि अपना दर्द अपनी वेदना को अपनी प्रेरणा बनाकर गरीब बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगाने के पवित्र कार्य में जी-जान से जुटा कानपुर का लाल।
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