उत्तर प्रदेश

UP Election 2022: सपा के MLC ने बहुत पहले ही बता दी थी सीपी चंद की राजनीति

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समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) बुधवार को पूर्वांचल के गाजीपुर में रोड शो कर रहे थे. बीजेपी (BJP) ने अखिलेश यादव को पूर्वांचल में ही झटका दे दिया. सपा के 4 विधान परिषद सदस्यों (MLC) ने बुधवार को बीजेपी का दामन थाम लिया. इनमे सीपी चंद का नाम भी शामिल है. वो गोरखपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने 2016 में स्थानीय निकाय कोटे की गोरखपुर-महराजगंज विधान परिषद सीट से चुनाव जीता था. उनके चुनाव को लेकर सपा में जमकर ड्रामा हुआ था.सीपी चंद्र का परिवार राजनीतिक रहा है. उनके पिता मार्कण्डेय चंद उत्तर प्रदेश के कई सरकारों में मंत्री रहे हैं. उनका नवंबर 2014 में निधन हो गया था. 

योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद शुरू हुई थी चर्चा

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट सीपी चंद के बीजेपी में जाने की चर्चा उस समय शुरू हो गई थी. जब उन्होंने दो अन्य एमएलसी के साथ 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से में मुलाकात की थी. उनके साथ आज बीजेपी में शामिल होने वाले रविशंकर सिंह उर्फ पप्पू भैया भी थे. 

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योगी आदित्यनाथ के साथ तस्वीर सामने आने के बाद सपा के एमएलसी आनंद भदौरिया ने लिखा था, ‘कमाल है! कल तक ‘दागदार’ थे, भाजपा डिटर्जेंट में धुलकर आज से कुछ और नेता बेदाग हो गए. सत्ता की झाग वाली इस स्वार्थ की चमक जनता भी अच्छे से पहचानती हैं.” हालांकि चंद ने इस मुलाकात को अनौपचारिक बताया था. उनका कहना था कि वे गोरखपुर के रहने वाले हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अक्सर मुलाकात होती रहती है. 

नाटकीय मुकाबले में जीते थे सीपी चंद

विधान परिषद चुनाव में भी सपा नाटकीय ढंग से जीते थे. हुआ दरअसल यह था कि सपा ने पहले जयप्रकाश यादव को उम्मीदवार बनाया था. बाद में उनका टिकट काटकर सीपी चंद को टिकट दे दिया गया. लेकिन पार्टी नेतृत्व ने एक बार फिर जयप्रकाश यादव को उम्मीदवार बना दिया था. लेकिन तबतक काफी लेट हो चुकी थी. और कागजों में सीपी चंद का नाम सपा उम्मीदवार के तौर पर दर्ज था. चुनाव प्रचार में उनके साथ जयप्रकाश यादव ने भी सपा उम्मीदवार के तौर पर प्रचार किया. लेकिन जीत सीपी चंद को मिली. उन्होंने जयप्रकाश यादव को 1589 वोटों के अंतर से मात दी. बाद में सपा ने उनका निलंबन रद्द कर दिया था. 

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मार्च तक स्थानीय निकाय की विधान परिषद की 36 सीटों पर चुनाव होने हैं. विधान परिषद में अभी बीजेपी के पास बहुमत नहीं है. बहुमत हासिल करने के लिए वह सपा के जीते सदस्यों पर दांव लगा रही है. इसी साल हुए पंचायत चुनाव में सपा और बीजेपी में कड़ी टक्कर हुई है. आज जो सपा के एमएलसी बीजेपी में शामिल हुए हैं, उनकी सदस्यता अगले साल मार्च में खत्म हो रही है. इस समय विधान परिषद में सपा के 48, बीजेपी के 36, बसपा के 6, कांग्रेस के 1, अपना दल (एस) के 1, शिक्षक दल (गैर राजनीतिक) के 2, निर्दलीय 1 और निषाद पार्टी का 1 सदस्य है. एक सीट अभी खाली है. 

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