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Gorakhpur News: निगरानी विभाग की जद में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद आ गए हैं. गोरखपुर और बोधगया में आज सरकारी आवास सहित अन्य ठिकानों पर छापेमारी हुई. राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ 20 करोड़ से अधिक की अवैध खरीदारी का आरोप है. स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने मामले में राजेन्द्र प्रसाद सिंह, निजी सचिव सुबोध कुमार, पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार और अन्य के खिलाफ अलग-अलग मुकदमा दर्ज किए थे. मुकदमा दर्ज करने के बाद आज सुबह से ही गोरखपुर के तारामंडल रामगढ़ताल इलाके में आजाद नगर पूर्वी स्थित निजी मकान सहित सरकारी आवास और बाकी ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है. इससे पहले स्पेशल विजिलेंस कोर्ट ने सर्च वारंट जारी कर दिया था.
कुलपति के सरकारी और निजी ठिकानों पर निगरानी की दबिश
डीएसपी रैंक के अधिकारी की अगुवाई में छापेमारी के लिए स्पेशल विजिलेंस यूनिट की तीन टीमों को लगाया गया है. राजेन्द्र प्रसाद के गोरखपुर स्थित पैतृक आवास और बोधगया में 2 ठिकानों पर छापे को निगरानी विभाग की बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है. मगध यूनिवर्सिटी और वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी का कुलपति रहते राजेंद्र प्रसाद पर 20 करोड़ से अधिक की अवैध खरीदारी का आरोप है. बताया जा रहा है कि कुलपति ने अपने रिश्तेदार की एजेंसी से करोड़ों की अवैध खरीददारी की. खरीदारी में कुलपति पर टेंडर की प्रक्रिया और नियमों के उल्लंघन का भी आरोप है.
कौन हैं मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद?
प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि और इलाहाबाद स्टेट विवि प्रयागराज के कुलपति रह चुके हैं. साल 2019 में उन्हें बिहार के मगध यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाया गया था. प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद यादव गोरखपुर के रहने वाले हैं और गोरखपुर यूनिवर्सिटी में चार बार चीफ प्रॉक्टर रहे हैं. कई सारे शैक्षिक एवं अकादमिक पदों पर कार्य कर चुके प्रो राजेंद्र प्रसाद डीन, रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. शिक्षा जगत में प्रोफेसर राजेन्द्र के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं.
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