उत्तर प्रदेश

सरकारी बुलडोजर के आगे लेटकर इंजीनियर ने रुकवाया नाला पाटने का काम, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

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Prayagraj News: सरकारी अफसरों की तानाशाही और मनमानी के खिलाफ जनप्रतिनिधियों व आम लोगों के बुलडोजर और ट्रैक्टर के सामने लेट कर अनूठे अंदाज में विरोध जताने की खबरें तो आपने अक्सर ही सुनी होगी, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो ना सिर्फ हैरान करने वाला है बल्कि सरकारी सिस्टम की पोल खोलने और हकीकत को आईना दिखाने वाला भी है. प्रयागराज में बुधवार को एसडीएम के मनमानी आदेश पर सरकारी अमला जब दर्जनभर बुलडोजर और जेसीबी मशीनों के जरिए एक नाले को पाटकर माफियाओं की मदद करने की कवायद कर रहा था तो वहां सिंचाई विभाग के एक इंजीनियर ने पहुंचकर इस कार्रवाई का जमकर विरोध किया. विरोध के बावजूद जब इंजीनियर अनिल यादव की आवाज को दबा दिया गया और एसडीएम व पुलिस ने उन्हें धमकाना शुरू किया तो वह बुलडोजर और ट्रैक्टरों के सामने लेट गए. इंजीनियर ने धमकी दी कि नाले को पाटकर भविष्य में लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनने जा रही कार्यवाही को अगर नहीं रोका गया तो वह वहां से नहीं हटेंगे. बहरहाल माफियाओं की शह पर सरकारी अमले ने उन्हें जब जबरन हटा दिया तो उन्होंने इंजीनियर ने जिले के अधिकारियों को फोन कर इस मामले की जानकारी दी और हर हाल में विरोध करने का ऐलान किया. बाद में जिले के बड़े अफसरों के दखल पर नाला पाटने का काम फिलहाल रोक दिया गया और इस मामले में जांच बैठा दी गई है.

इंजीनियर के समर्थन में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी जुटे, लेकिन पुलिस ने लाठियों के दम पर उन्हें जबरन हटा दिया. बुलडोजर और ट्रैक्टरों के आगे लेट कर अनूठे अंदाज में अपने लिए नहीं, बल्कि जनता के लिए विरोध करने वाले इंजीनियर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. मामले के तूल पकड़ने के बाद माफिया की मदद करने वाले कई अफसर अब कार्रवाई की जद में आ गए हैं.

इंजीनियर अनिल यादव ने विरोध का अनूठा तरीका निकाला

यह मामला प्रयागराज शहर से तकरीबन 70 किलोमीटर दूर कोराव तहसील के खीरी इलाके के खापतिहा गांव का है. यहां 100 साल पुराना एक बड़ा नाला है. इसी नाले से तमाम गांवों का पानी होकर बाहर निकलता है. बाढ़ और बारिश के वक्त सिंचाई विभाग इसी नाले के जरिए जमा पानी को बाहर निकालता है. नाले की देखभाल का जिम्मा सिंचाई विभाग के ही पास है. इलाके में नाले के आसपास कुछ भूमाफिया प्लाटिंग कर रहे हैं. नाले की वजह से उन्हें रास्ता नहीं मिल पा रहा था. इस पर माफिया ने सरकारी अफसरों की मिलीभगत से नाले को पाटने का काम शुरू कराया. नाला पाटने के काम में सरकारी बुलडोजर और सरकारी जेसीबी मशीनें लगाई गई. तहसील और पुलिस महकमे के तमाम लोगों की ड्यूटी लगाई गई, जबकि इसकी देखरेख करने वाले सिंचाई विभाग को जानकारी तक नहीं दी गई.

बुधवार को सरकारी अमला जब एसडीएम अभिनव कनौजिया की अगुवाई में नाला पाटने पहुंचा तो स्थानीय लोगों ने इसका विरोध शुरू किया. सरकारी अमले ने डंडे के जोर पर लोगों को या तो भगा दिया या उन्हें चुप करा दिया. नाला पाटने की जानकारी जब सिंचाई विभाग के इंजीनियर अनिल यादव को हुई तो वह मौके पर पहुंचे और उन्होंने एसडीएम समेत दूसरे अफसरों को यह जानकारी दी कि नाला पाटने के बाद बाढ़ और बारिश के वक्त कई गांवों के डूबने का खतरा पैदा हो जाएगा, इसलिए इसे ना पाटा जाए. बिना उनके विभाग की अनुमति के इसे कानूनन पाटा भी नहीं जा सकता है, लेकिन एसडीएम और मौके पर मौजूद दूसरे अफसरों ने उनकी एक न सुनी. इस पर इंजीनियर अनिल यादव ने विरोध का अनूठा तरीका निकाला. वह कार्रवाई को अंजाम दे रहे बुलडोजर व ट्रैक्टर के आगे लेट गए. इसके बाद जब पुलिस उनसे जबरदस्ती करने लगी तो उन्होंने डीएम समेत जिले के बड़े अफसरों से इस मामले की शिकायत की. अफसरों के दखल पर काम तुरंत रोक दिया गया और इस मामले में जांच बिठा दी गई. बरहाल जनता के लिए अफसरों से भिड़ने की इंजीनियर की यह दिलेरी चर्चा का सबब बनी हुई है.

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