उत्तर प्रदेश

चुनाव से पहले देवस्थानम मामले में आर-पार के मूड में पुरोहित, सरकार के सामने रखी ये मांग

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Uttarakhand News: चुनावों से पहले तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा सरकार के खिलाफ और बढ़ने वाला है. चुनावों से पहले देवस्थानम बोर्ड बीजेपी के लिए मुसीबत बनने वाला है क्योंकि सरकार अभी तक यह तय नहीं कर पाई की देवस्थानम बोर्ड भंग करना है या फिर नहीं. उधर सरकार की ओर से स्पष्ट न होने से तीर्थ पुरोहित सरकार के खिलाफ आंदोलन पर उतारू हैं. हालांकि, इसके लिए 30 तारीख का वक्त सरकार ने दिया है. लेकिन तीर्थ पुरोहितों ने अभी से आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है.

27 नवंबर को तीर्थ पुरोहित काला दिवस मनाने जा रहे हैं. देहरादून समेत प्रदेश भर में जन आक्रोश रैली भी निकाली जाएगी. इसके साथ ही 1 दिसंबर से चारों धामों के शीतकालीन प्रवास पर तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन होगा . वहीं, दूसरी तरफ कल देवस्थानम बोर्ड को भंग करने को लेकर उड़ी खबरों के बाद तीर्थ पुरोहित का गुस्सा और भी बढ़ गया है. उन्होंने सरकार से देवस्थानम बोर्ड मामले को स्पष्ट करने की मांग की है. उनका कहना है कि सरकार तीर्थ पुरोहितों को गुमराह कर रही है. सरकार ये स्पष्ट करे कि उन्हें बोर्ड रद्द करना है या फिर नहीं.

सरकार पर लगे ये आरोप 

उधर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी बीजेपी सरकार पर हमलावर है. उनका सरकार पर आरोप है कि सरकार ने पहले देवस्थानम एक्ट बना कर तीर्थ पुरोहितों के हकों को मारने का काम किया और अब तीर्थ पुरोहितों को चुनावों के मद्देनजर गुमराह कर रही है. उनका कहना है कि सरकार यह स्पष्ट नहीं कर पा रही है कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर आखिरकार क्या करना है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि सरकार को पुरोहितों का दबाव मानना ही पड़ेगा क्योंकि कांग्रेस भी लगातार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग कर रही है. गोदियाल ने साफ शब्दों में कहा कि सरकार इस मामले को टाल नहीं सकती. उन्हें इस मामले में हर हाल में फैसला लेना होगा.

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