उत्तर प्रदेश

आगरा की 9 विधानसभा सीटों में से 4 पर RLD ने ठोंका दावा, औपचारिक घोषणा बाकी

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UP Election 2022: समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल में गठबंधन लगभग फाइनल है. केवल औपचारिक ऐलान बाकी है. अखिलेश यादव से लेकर जयंत चौधरी ने आपस में हुई मीटिंग का फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है. एक तरफ अखिलेश की तरफ से कहा गया बदलाव की बयार तो वहीं दूसरी तरफ आरएलडी चीफ जयंत चौधरी बढ़ते कदमों से बदलाव देख रहे हैं. हालांकि अभी औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है और जिससे ये पता चले कि कितनी सीटों पर आगरा में समाजवादी पार्टी लड़ेगी और कितनी पर आरएलडी. लेकिन आगरा की 9 विधानसभा सीटों पर इस बार राष्ट्रीय लोकदल बड़ा दावा पेश कर रही है. पार्टी सूत्रों के ने इशारा किया है कि समाजवादी पार्टी से आरएलडी 9 में से 4 सीट मांगेगी. 

राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से मिनी छपरौली कही जाने वाली फतेहपुर सीकरी, आगरा ग्रामीण, खेरागढ़ और एत्मादपुर सीट पर दावा ठोंका गया है.  इसके साथ ही आरएलडी परंपरागत जाट समुदाय की बाहुल्यता के साथ ही किसान आंदोलन के बाद कार्यकर्ताओं में आए जोश, संगठन की लगातार मजबूत हो रही स्थिति से बड़ा दावा पेश कर रही है. इस तरह आरएलडी की तरफ से 4 सीटों को लेकर दावा पेश किया जा रहा है और ऐसे में एत्मादपुर, खेरागढ़ सीट पर पेंच ज्यादा फंसा हुआ है. राष्ट्रीय लोकदल को उम्मीद है कि फतेहपुर सीकरी और आगरा ग्रामीण तो उनको दी ही जाएगी बाकी अन्य दो सीटों पर भी पार्टी मजबूत स्थिति में है. राष्ट्रीय लोकदल से साल 2002 में एत्मादपुर सीट से जीपी पुष्कर जीत चुके हैं तो वहीं साल 2002 विधानसभा चुनाव में चौधरी बाबूलाल भी फतेहपुर सीकरी से राष्ट्रीय लोक दल से चुनाव जीतकर विधानसभा जा चुके हैं. साल 2005 के विधानसभा उपचुनाव में खेरागढ़ सीट से अमर सिंह परमार राष्ट्रीय लोक दल से चुनाव जीत चुके हैं. 

राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से कहा जा रहा है कि चौधरी अजीत सिंह के राष्ट्रीय लोक दल बनने से पहले लोक दल और जनता दल के चुनाव चिन्ह पर आगरा की कई सारी सीटों पर चौधरी चरण सिंह और अजीत सिंह से जुड़े हुए प्रत्याशी लगातार जीत दर्ज करा चुके हैं जिसमें लोकदल के सिंबल पर एत्मादपुर सीट से चंद्रभान मौर्या पांच बार विधायक चुने गए. वहीं भदावर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले अरिदमन सिंह लोकदल से 1989 में विधानसभा गए. साथ ही उनके पिता महेंद्र रिपुदमन सिंह लोकदल के संसदीय बोर्ड के सचिव भी रह चुके हैं. फतेहाबाद सीट से विधायक रहे विजय पाल सिंह हो या दयालबाग से विजय सिंह राणा यह भी जनता पार्टी के दौर में लगातार जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव अवनींद्र यादव का कहना है कि गठबंधन फाइनल है.

समाजवादी पार्टी आगरा में मजबूत स्थिति में है. लेकिन अखिलेश और जयंत दोनों जल्द ही सीट शेयरिंग की गुत्थी सुलझा लेंगे. एत्मादपुर सीट आरएलडी के खाते में जाना इतना आसान नहीं है. अभी हाल ही में बसपा छोड़कर आए धर्मपाल सिंह ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा है और वह पूरा जोर लगाए हुए हैं और लगातार क्षेत्र में सक्रिय बने हुए हैं. ऐसे में एत्मादपुर के साथ ही खेरागढ़ सीट पर भी दावा ठोंका गया है. राजनैतिक विश्लेषक राजीव दीक्षित कहते हैं कि आगरा की 9 सीटों में आरएलडी 4 सीटों तक दावा कर रही है. आरएलडी उन सीटों को जरूर मांगेगी जहां वो पहले जीत चुकी है. ऐसे में पश्चिम के साथ ही ब्रज में भी RLD को काफी उम्मीदें हैं. यही वजह है कि आगरा में RLD कह रही है, ‘दिल मांगे मोर’.

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