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किसान आंदोलन के आज एक साल पूरे हो गए। यही वो तारीख थी..जब पिछले साल दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर सहित…दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर आंदोलनकारी किसानों ने डेरा डाल दिया था…और तब से वे वही डटे हैं। अब किसानों को संसद सत्र की शुरूआत का इंतजार है। आंदोलनकारी किसानों के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि ..जब तक संसद का सत्र चलता रहेगा..तब तक सरकार के पास सोचने का पूरा वक्त है। नाराज किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद…उन्हें एमएसपी की कानूनी गारंटी भी दी जाए। सरकार इसी सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का बिल पास कराने जा रही है।
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