उत्तर प्रदेश

चुनाव से पहले आदर्श व्यापार मंडल ने राजनीतिक पार्टियों पर बनाया दबाव, सामने रखीं ये 14 मांगें

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UP Assembly Election 2022: चुनावी मौसम की अहमियत सिर्फ सियासी दल ही नहीं बल्कि आमजनता भी अच्छे से जानती है. यही वजह है कि विभिन्न वर्ग के लोग भी अपनी मांगों को घोषणा पत्र में शामिल कराने के लिए जुट गए हैं. इसी कड़ी में अब व्यापारियों ने भी मोर्चा खोल दिया है और तय किया है कि जो उनकी मांगों को अपने घोषणा पत्र में जगह देगा, व्यापारी उसी को वोट करेंगे. उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल ने राजधानी लखनऊ में अपना 14 सूत्रीय मांग पत्र जारी किया है.

उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा ये मांग पत्र बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस सभी दलों को सौंपा जाएगा. जो व्यापारियों की मांग पर बात करेगा, घोषणा पत्र में शामिल करेगा उसे जिताने में पूरी ताकत लगा देंगे. संजय गुप्ता ने कहा कि प्रदेश का लगभग 1 करोड़ व्यापारी अपने और कर्मचारियों के परिवार सहित 4 करोड़ वोट प्रभावित करने की क्षमता रखता है. आगामी चुनाव में व्यापारी का वोट निर्णायक होगा.

जानें क्या हैं व्यापारियों की 14 मांगें 

  • प्रदेश में ई कॉमर्स नीति बनाई जाए. इसे बनाने के लिए जो समिति बने उसमें प्रमुख व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधि हो.
  • व्यापार को ई कॉमर्स से बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा या पीपीपी मोड़ पर ई कॉमर्स पोर्टल बनाया जाए, जिसमें प्रदेश के व्यापारी निशुल्क व्यापार कर सकें.
  • व्यापारी नीति आयोग का गठन किया जाए, जिसमें मुख्य भूमिका में प्रमुख अनुभवी व्यापारी हो और सदस्य के रूप में अधिकारी.
  • जीएसटी सुझाव समिति का गठन हो, जिसमें विशेषज्ञ व्यापारी हो और इसके सुझाव जीएसटी परिषद में भेजे जाएं.
  • जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों को 10 लाख तक व्यापारी स्वास्थ्य बीमा अनिवार्य रूप से मिले.
  • दुर्घटना बीमा योजना की परिभाषा बदलते हुए कोविड और अन्य महामारी या प्राकृतिक आपदा से मौत भी शामिल हो, लिमिट 15 लाख की जाए.
  • कमर्शियल बिजली कनेक्शन की दरें काम हो और उपभोक्ता जितनी बिजली इस्तेमाल करें सिर्फ उतना बिल लिया जाए. डिमांड, फिक्स और मिनिमम चार्ज ख़त्म हो.
  • कमर्शियल हाउस टैक्स की दरें आवासीय से मात्र दोगुनी हो, अभी ये 5 गुना तक है.
  • जिन व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर वाटर कनेक्शन न लिया गया हो और शौचालय मूत्रालय न हो उनसे जलकर न लिया जाए.
  • महानगरों में 18 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर जहां आवासीय क्षेत्रों में 80 फीसदी से अधिक व्यावसायिक गतिविधियां हो उन्हें बाजार मार्ग घोषित किया जाए.
  •  महानगरों में मिस लैंड यूज की व्यवस्था लागू हो.
  • व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ को प्रभावी बनाने के साथ हर पुलिस थाने पर व्यापारी हेल्प डेस्क बने.
  •  व्यापारियों के यहां सिर्फ विशेष परिस्थिति में और केवल मुख्यमंत्री की अनुमति से ही छापे पड़े.
  • पैकेट बैंड खाद्य पदार्थों के सैंपल उत्पादन इकाइयों से लिये जाएं. व्यापारिक प्रतिष्ठानों से नहीं.

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