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कानपुर। कोरोना वायरस से लड़ाई में सैनिटाइजेशन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी संभाले नगर निगम में सामने आए बड़े खेल ने सबको हैरत में डाल दिया है। नगर निगर सैनिटाइजेशन के नाम पर अबतक पानी का छिड़काव करता रहा और अफसर भी अनजान बने रहे। सैनिटाइजेशन के लिए नगर निगम को सोडियम हाइपोक्लोराइड की आपूिर्त में सप्लायरों ने खेल कर दिया। एक ने सबमर्सिबल का पानी ड्रमों में भरकर दिया तो दूसरे ने केमिकल में नाममात्र क्लोरीन मिलाई थी। जलकल विभाग के विशेषज्ञों की मानें तो एक नमूने में पूरी तरह पानी है और दूसरे में क्लोरीन की मात्रा पीने वाले पानी से थोड़ा ही ऊपर है। इतना सब होने के बाद भी अफसरों का चुप्पी साध लेना बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा है।
लॉकडाउन के दौरान नगर निगम की टीम नियमित रूप से सैनिटाइजेशन कर रही है। इसमें ज्यादातर हॉटस्पॉट के क्षेत्र भी शामिल हैं। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक स्वरूप नगर वीवीएस इंडस्ट्रीज व शास्त्री नगर दमन इंटरप्राइजेज से माल लिया गयाए जो पंजीकृत नहीं थी। इन्हें 90 टन केमिकल की सप्लाई करनी थी लेकिन पहले चरण में 8.5 टन सप्लाई किया गया। मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमिला निरंजन ने नगर निगम में आए केमिकल के अलग-अलग नमूने लेकर जांच के लिए जलकल की प्रयोगशाला में भेजा था।
जलकल से आई जांच रिपोर्ट में खेल का हुआ खुलासा
जलकल से आई जांच रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली थी और सारा खेल खोल दिया। नगर निगम को सोडियम हाइपोक्लोराइड की आपूर्ति करने वाली स्वरूप नगर की वीवीएस इंडस्ट्रीज के नमूने में क्लोरीन की मात्रा शून्य थी। वहीं शास्त्री नगर की दमन इंटरप्राइजेज में 0ण्709 फीसद क्लोरीन थी। जलकल विभाग के केमिकल विशेषज्ञों ने इन नमूनों की जांच की थी। विशेषज्ञों के मुताबिक सबमर्सिबल के जरिए घरों में जो पानी आता हैए उसमें क्लोरीन की मात्रा शून्य ही होती है इसलिए स्वरूप नगर वाले सप्लायर ने तो सबर्मिसबल का पानी ही ड्रमों में भर कर सप्लाई कर दिया है।
नगर निगम द्वारा सैनिटाइजेशन में पानी का छिड़काव किए जाने से कई सवाल उठना शुरू हो गए है। आखिर पंजीयन बिना दो कंपनियों को आपूिर्त का आदेश किसकी सहमति से दिया गया। अफसरों ने इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया। वहीं इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण फैलने पर सैनिटाइजेशन की तुरंत जरूरत पड़ी और स्टॉक खत्म हो रहा थाए उस समय बिना टेंडर कराए माल खरीदने के लिए खुले बाजार में संपर्क किया गया।
दोनों कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी
नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी का कहना है कि,दमन और वीवीएस कंपनियों ने जो माल भेजा था जांच में वह गड़बड़ निकला है। इसके बाद भी कंपनियां अपने केमिकल को अच्छा बता रही हैं। उनसे नगर निगम आकर अपने सामने जांच कराने के लिए कहा गया है। कंपनियों को आगे के लिए ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी की जा रही है। माल वापस लेने के आदेश के साथ ही भुगतान भी रोक दिया गया है।