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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण के लिए अपने संसदीय क्षेत्र पहुंच गए हैं. इस दौरान उनकी मुख्यमंत्री योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनकी अगवानी की. वह कुछ देर में कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे. मोदी काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव मंदिर में दर्शन और पूजन करेंगे. वहां से फिर गंगा मार्ग से होते हुए गंगा घाट से खुद जल भर कर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करेंगे. इस पावन पर्व पर पूरे वाराणसी को किसी दुल्हन की तरह सजाया गया है.
इतिहासकारों के अनुसार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पर वर्ष 1194 से लेकर 1669 तक कई बार हमले हुए. 1777 से 1780 के बीच मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. ढाई दशक बाद पीएम मोदी ने आठ मार्च 2019 को मंदिर के इस भव्य दरबार का शिलान्यास किया था. प्रशासन को मिले प्रोटोकॉल के अनुसार, प्रधानमंत्री सोमवार विशेष विमान से बाबतपुर एयरपोर्ट आएं. यहां से सेना के हेलीकॉप्टर से संपूणार्नंद संस्कृत विश्वविद्यालय जा रहे हैं. करीब सवा घंटे तक गर्भगृह में पूजा अर्चना के बाद प्रधानमंत्री मोदी मंदिर चौक पर संतों और प्रबुद्धजनों की मौजूदगी में स्वर्ण शिखर को निहारते हुए आयोजित कार्यक्रम में स्थान ग्रहण करेंगे.
33 महीने में तैयार हुए श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण रेवती नक्षत्र में होने जा रहा है. राम मंदिर के लिए मुहूर्त तैयार करने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने बताया कि 13 दिसंबर को रेवती नक्षत्र में शुभ मुहूर्त प्राप्त हुआ है. शहर कोतवाल कालभैरव का दर्शन-पूजन कर अनुमति लेंगे. इसके बाद राजघाट होते जलमार्ग से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम जाएंगे. गंगा को प्रणाम कर जल कलश लिए भव्य द्वार से बाबा के विस्तारित दरबार में प्रवेश करेंगे और देशभर की 21 नदियों के जल से काशीपति का अभिषेक करेंगे. मंदिर चैक द्वार की दर्शन गैलरी के एकाकार दृष्टिपथ से बाबा दरबार गर्भगृह और गंगधार को शीश नवाएंगे. इसके बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे.
शिलापट का अनावरण कर सजे-संवरे काशी विश्वनाथ धाम को भक्तों के नाम करेंगे. पीएम मंदिर के विशाल चैक में देश भर से आए संत-महंतों के साथ संवाद करेंगे और विभोर मन से उन श्रमयोगियों को नमन करेंगे जिन्होंने तय समय से कम अवधि में ही बाबा के धाम को पूर्णता दी. उन्हें सम्मानित करने के साथ ही उनके संग बाबा का प्रसाद भी सिर माथे लगाएंगे.
प्रधानमंत्री धाम में बनी वाराणसी गैलरी, सिटी म्यूजियम, मुमुक्षु भवन समेत अन्य भवनों को भी देखेंगे. जल मार्ग से संत रविदास घाट और फिर सड़क मार्ग से बनारस रेल इंजन कारखाना जाकर विश्राम करेंगे. सायंकाल प्रधानमंत्री फिर संत रविदास घाट आएंगे. योगी आदित्यनाथ समेत सभी मुख्यमंत्रियों व उपमुख्यमंत्रियों संग जलयान से गंगा के घाटों की छटा निहारेंगे और दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल होंगे.
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