उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मृतक को बनाया आरोपी, पीड़ितों ने घर के बाहर लगाया मकान बिकाउ है का पोस्टर

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मुरादाबाद के कुंदरकी कस्बे में पुलिस ने एक अजीब सा कारनामा किया है. वहां की पुलिस ने 4 साल पहले मरे एक व्यक्ति को एक मामले में आरोपी बना दिया है. यह मामला रामलीला की जमीन खाली करवाने को लेकर हुए विवाद का है. इस मामले में पुलिस की कार्रवाई से नाराज लोगों ने अपने घर के बाहर मकान बिकाउ है का पोस्टर लगा दिया है. 

रामलीला की जमीन पर विवाद

बीजेपी के मंडलीय अध्यक्ष के मुताबिक़ कुंदरकी रेलवे स्टेशन के पास एक भूमि पर हमेशा से दिवाली मेला में रावण दहन के साथ ही रामलीला का मंचन होता आया है. अब कुछ लोग इस जमीन को बेच रहे हैं. इसकी शिकायत उन्होंने मुरादाबाद के जिलाधिकारी और एसएसपी से की थी. लेकिन उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई. पुलिस ने उल्टा बीजेपी नेता सहित कई लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. 

उन्होंने कहा कि अधिकारी उन्हें धमकी दे रहे हैं कि अभी तो तुम्हारा और इलाज किया जाएगा आचार संहिता लगने दो. बीजेपी नेता का कहना है कि अब वह मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि जब हिंदुओं के धार्मिक स्थल ही सुरक्षित नहीं हैं तो हिंदू कैसे सुरक्षित होगा. इसीलिए वो यहां से जाने के लिए मजबूर हैं. 

कुंदरकी रेलवे स्टेशन के पास जिस ज़मीन पर हर साल रामलीला का मंचन होता आया है, वह जमीन दरअसल कुंदरकी के ही रहने वाले दिनेश कुमार भटनागर की है. कुंदरकी रामलीला कमेटी हर साल भटनागर से इजाजत लेकर रामलीला का मंचन करती है. दिनेश कुमार भटनागर ने अब रामलीला कमेटी को रामलीला मंचन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने 10 दिन पहले अपनी जमीन पर निर्माण कार्य कराना शुरू किया. 

घर बेचने का पोस्टर लगाया

रामलीला वाली जमीन पर निर्माण कार्य होता देख रामलीला कमेटी के अध्यक्ष और बीजेपी नेता प्रवीन भूषण अपने साथियों के साथ निर्माण कार्य रुकवाने पहुंच गए. वहां इस बात को लेकर विवाद हुआ. रामलीला कमेटी के साथ गए लोगों ने वहां हो रहे निर्माण कार्य तोड़ दिया और वहां लगे प्लास्टिक के शेड में आग लगा दी. इसकी सूचना दिनेश भटनागर ने कुंदरकी पुलिस को दी. 

मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया. पुलिस ने दिनेश कुमार की तहरीर पर इस मामले में बीजेपी के 8 नेताओं के खिलाफ नामजद और दो दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है. इस मामले में 8वें नंबर पर सेवाराम का नाम है. उनके परिजनों का कहना है कि सेवाराम का 11 दिसंबर 2014 को निधन हो गया था.

इसकी जानकारी होने पर बीजेपी के स्थानीय नेताओं समेत 12 परिवारों ने अपने मकानों के आगे पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर मकान बेचने के पोस्टर लगा दिए हैं. 

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