उत्तर प्रदेश

उत्तराखंड: नाराज हरक सिंह रावत आज आ सकते हैं दिल्ली, पार्टी आलाकमान से करेंगे मुलाकात

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देहरादून: उत्तराखंड में दो दिन पहले कांग्रेस के बड़े चेहरे हरीश रावत ने एक ट्वीट पर पार्टी को बड़ा झटका दिया था तो अब बीजेपी सरकार के बड़े मंत्री हरक सिंह रावत ने नाराजगी जाहिर कर बीजेपी छोड़ने के संकेत दे रहे हैं. इस्तीफे देने तक की बात सामने आ रही है. हरक सिंह रावत के आज दिल्ली में आलाकमान से मिलने की खबर भी है.

फैसले पर सवाल उठाए जाने से नाराज हैं हरक सिंह रावत

बता दें कि नाराजगी की खबर तब सामने आई जब बीजेपी सरकार के हैवीवेट मंत्री हरक सिंह रावत अपने एक फैसले पर सवाल उठाए जाने के बाद कैबिनेट की बैठक के बीच में ही नाराज होकर उठ गए और ये कहते हुए बाहर निकल गए कि वो इस्तीफा दे रहे हैं. हालांकि अब तक उनके इस्तीफे वाली चिट्ठी सामने नहीं आयी है.

वहीं देहरादून कैबिनेट से निकले मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने मंत्री हरक सिंह रावत की इस्तीफे जैसी किसी भी बात से इनकार किया है. चुफाल ने ये भी कहा है कि मंत्री हरक सिंह रावत अंत तक बैठक में शामिल थे. वहीं एक और मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हरक सिंह रावत ने अपनी विधानसभा कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज निर्माण को लेकर हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की है.

हरक सिंह रावत आज दिल्ली आ सकते हैं

इस्तीफा भले ना आया हो लेकिन हरक सिंह रावत नाराज तो हैं. ये बात कैबिनेट में उनके सहयोगी भी मान रहे हैं.उसी नाराजगी को दूर करने के लिए खबर है कि हरक सिंह रावत आज दिल्ली आ सकते हैं और बीजेपी के सीनियर नेताओं से मिल सकते हैं.

हरक सिंह रावत के नाराज होने की एक नहीं कई वजह हैं

  1. कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव को नामंजूर किया गया
  2. बहू के लिए बीजेपी से टिकट की मांग पर जवाब नहीं मिला
  3. तीरथ सिंह रावत के बाद पुष्कर सिंह धामी को CM बनाया गया
  4. हरक सिंह रावत अपने क्षेत्र कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज बनाना चाहते थे जिसे कैबिनेट ने नामंजूर कर दिया..
  5. हरक अपनी बहू के लिए बीजेपी से टिकट चाहते हैं.. जिस पर अब तक पार्टी से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है
  6. तीरथ सिंह रावत को हटाने के बाद महज दो बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया गया और उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया.

हरक सिंह रावत को है सीएम पद की चाहत

सीएम पद की चाहत रखने वाले हरक सिंह रावत को अचानक कांग्रेस में उम्मीद की किरण दिखी. जब हरीश रावत ने ट्विटर पर राजनीतिक संन्यास लेने का इशारा किया. जिसके बाद हरक सिंह रावत को कांग्रेस में अपना सियासी भविष्य बेहतर नजर आने लगा. पर अब ये उम्मीद भी टूटती दिख रही है क्योंकि हरीश रावत संन्यास लेते-लेते रुक गए या कहिए रोक लिए गए.

आपको बता दें सीएम पद की चाहत में ही हरक सिंह रावत ने 2016 में हरीश रावत की सरकार में विरोध का बिगुल बजाया था और 17 के चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे.

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