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फिरोजाबाद। जिला अस्पताल आइसोलेशन में एक्सरा विभाग में कार्यरत एक स्वास्थकर्मी की रविवार को अचानक हालत बिगड़ गयी। वह आधे घंण्टे जमीन पर पड़ा हुआ तड़पता रहा लेकिन किसी ने उसकी कोई खबर नही लगी। बाद में अन्य स्वास्थकर्मियों ने उसे बार्ड़ में भर्ती कराया। जहां उसे उपचार दिया गया।
मूलरूप से मैनपुरी निवासी एवं हाल निवासी सुहागनगर पुरूषोत्तम यादव पुत्र रामनिवास स्थायी कर्मचारी के रूप में कोविड-19 अस्पताल में कोरोना मरीजों के एक्सरे करने की ड्यूटी करता है। आज भी ड्यूटी करने आया था। इसी दौरान कार्य करते करते उसकी गर्मी के कारण हालत बिगड़ गयी। उसने बताया जैसे तैसे गेट खुलवाकर गार्ड से बाहर आया, उसे उल्टी आने लगी, वहीं गिर पड़ा। कंट्रोल रूम फोन लगाया कोई नहीं आया, वार्ड बाॅय आनंद गया तो कोई नहीं आया, गार्ड भी गया तो कोई नहीं आया। इस तरह करीब आधा घंटे तक वहां ऐसे ही पड़ा रहा। बाद में उसे उपचार को सरकारी ट्रामा में भर्ती कराया गया। सोचने वाली बात यह है कि अपने खुद के कर्मचारियों को सही समय पर इलाज मुहैया नहीं करा पा रहे तो आम लोगों का क्या हाल होता होगा। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जिसको लेकर अन्य स्वास्थकर्मियों में अस्पताल प्रषासन व जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आक्रोष व्याप्त है।
स्वास्थकर्मी की हालत बिगड़ने के बाद उसके आधे घंण्टे तक जमीन पर पडे़ रहने का यह वीड़ियों अस्पताल प्रषासन की कार्यप्रणाली और लापरवाही की पोल खोल रहा है। कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि स्वास्थकर्मी को आधे घंण्टे जमीन पर ही पड़े रहने को विवष होना पड़ा। लोगोें का कहना है कि जव स्वास्थकर्मी की यह हालत है तो आम मरीज की क्या होगी इससे अंदाजा लगाया जा सकता है।