लखनऊ,, उत्कर्ष संगोष्ठी का बारहवां चरण कोरोना महामारी के आर्थिक प्रभावों की अंतर्राष्ट्रीय पड़ताल पर केंद्रित रहा जिसमें बैंककर्मी, जनसेवक,राजनीतिक चिंतक और जनस्वास्थ्य रक्षक सम्मिलित हुए।स्टेट बैंक कर्मचारियों की लंबी लड़ाई लड़ते रहे पवन कुमार ने कहा कि कोरोना एक ऐसी रहस्यमयी बीमारी है जिसकी दहशत से पूरी दुनिया का अर्थतन्त्र प्रभावित है।स्टेट बैंक में भी भारी संख्या में लोग इससे संक्रमित हुए हैं लेकिन भारत सरकार की नीतियों ने छोटे उद्योगधंधों पर जो प्रभाव डाला है वह हमारे लिये अधिक चिंता का विषय है और इससे उबरने में समय लगेगा।
राष्ट्रवादी विचारक इंद्रेश शुक्ला ने कहा कि कोरोना केवल साम्राज्यवादी शक्तियों का षड्यंत्र है जिसे मोदी सरकार हिटलरी तरीके से लागू करवाने में जुटी है।इंद्रेश शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों ने व्यापारियों की इच्छाशक्ति समाप्त कर दी है जिसका असर देश में नजर आने लगा है और सरकार लोगों से 25हजार महीने की आमदनी छीनकर 5किलो गेहूँचावल बाँट रही है।एक तरफ अमेरिका और यूरोप की सरकारें वास्तविक पैकेज दे रही हैं और भारत सरकार 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज पर जवाब देने के लिये तैयार नहीं है।
इलाहाबाद बैंक कर्मचारियों के संघर्षों को राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने वाले रामनाथ शुक्ला ने कहा कि भारत में कार्पोरेट कल्चर को बढ़ावा देने का नतीजा है कि सारे सरकारी ठेके अडानी अंबानी को दिये जा रहे हैं और आयुर्वेद का ठेका पतंजलि के हवाले है।देश में अमेरिकन कंपनियों को बढ़ावा देने का काम सबसे पहले मनमोहन सिंह ने शुरू किया था जिसे बाद में आने वाली अटल और मोदी सरकार ने भी जारी रखा है।
रामनाथ शुक्ला ने बताया कि नोटबंदी एक सफल प्रयोग होता लेकिन सर्वत्र व्याप्त भ्रष्टाचार ने उसे भी असफल कर दिया।सरकार को सबके लिये रोजगार के बराबर अवसरों का सृजन करना चाहिये तभी देश में बदलाव संभव है।अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के लखनऊ नगर महामंत्री सुरेश छाबलानी ने संगोष्ठी के मंच से बोलते हुए कहा कि कोरोना की मार से उत्तर प्रदेश का कपड़ा उद्योग बुरी तरह प्रभावित है और लगभग 5 लाख लोगों के परिवार लगातार बर्बादी की कगार पर हैं।दुकानों में माल भरा पड़ा है लेकिन बिक्री नहीं है इसलिये सरकार को तमाम करों में छूट देने के साथ ही व्यापारियों और उद्योगपतियों को स्पेशल पैकेज देने पर विचार करना चाहिये।
जनस्वास्थ्य रक्षकों की बहाली की लड़ाई से जुड़े आल इंडिया कम्यूनिटी हेल्थवर्कर एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव मनोज कुमार ने बताया कि कोरोना से तो हम संकल्पपूर्वक निपट लेंगे लेकिन सरकारी नीतियों की पड़ताल जरूरी है।इस संदर्भ में मनोज कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट आदेश के बावजूद कोरोना नियंत्रण में जनस्वास्थ्य रक्षकों का सहयोग न लिया जाना लोककल्याण योजनाओं पर कार्पोरेट और ब्यूरोक्रेट कल्चर के षड्यंत्रकारी प्रभाव को बताता है।
मनोज कुमार ने कहा कि इस संगोष्ठी के माध्यम से प्रदेश सरकार तक आवाज जानी चाहिये कि पूरे देश से चेचक को समाप्त करने वाले जनस्वास्थ्य रक्षकों को कोरोना नियंत्रण का कार्य तत्काल मिले।युवा व्यापारी नेता अनुज गौतम ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकारों को छोटे व्यापारियों के ऊपर कोरोना महामारी से आई बर्बादी को ध्यान में रखकर स्पेशल पैकेज दिया जाए। राणा प्रताप मार्ग स्थित तरूष कांफ्रेंस हाल में मासकिंग और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आयोजित इस संगोष्ठी का सफल संचालन विमल प्रकाश द्वारा किया गया।
संगोष्ठी के अन्त में पत्रकारों से बात करते हुए आयोजक अनिल तिवारी और ज़ाहिद अली ने बताया कि उत्कर्ष संगोष्ठी का आगामी चरण 15 अक्टूबर को आयोजित होगा।