अंतरराष्ट्रीय

पाकिस्तान: इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए बिना ही नेशनल असेंबली का सत्र स्थगित

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<p style="text-align: justify;">पाकिस्तान की नेशनल असेंबली का महत्वपूर्ण सत्र प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए बिना ही स्थगित कर दिया गया. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद खयाल जमां के निधन के चलते सत्र को 28 मार्च शाम चार बजे तक के लिये स्थगित किया जाता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सांसद के निधन पर श्रद्धांजलि</strong><br />पाकिस्तान की संसदीय परंपराओं के अनुसार, किसी सांसद के निधन के बाद सदन की पहली बैठक में दिवंगत आत्मा के लिए केवल प्रार्थना की जाती है और साथी सदस्य श्रद्धांजलि देते हैं. नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष शाहबाज शरीफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी और सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी समेत कई प्रभावशाली विपक्षी सांसद बहुप्रतीक्षित सत्र में भाग लेने के लिये शुक्रवार को संसद में मौजूद थे. विपक्षी नेताओं ने सत्र स्थगित करने को लेकर विरोध प्रकट किया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस</strong><br />बता दें कि 8 मार्च को विपक्षी पार्टियों द्वारा नेशनल असेंबली के सचिवालय में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था, जिसके बाद से देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है. विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि खान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है. इमरान खान (64) इन दिनों अपनी सरकार बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. असेंबली के अध्यक्ष कैसर ने जैसे ही सत्र स्थगित किया, विपक्षी नेता विरोध प्रकट करने लगे. उन्होंने अध्यक्ष से प्रस्ताव लेने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं सुनी और अपने कक्ष की ओर चले गए. स्पीकर ने कहा कि अगले सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर फैसला लिया जाएगा. नियमों के अनुसार प्रस्ताव नेशनल असेंबली के समक्ष रखे जाने के कम से कम तीन से सात दिन के बीच उस पर मतदान होना चाहिये.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पाकिस्तानी सांसदों ने लगाए आरोप</strong><br />सत्र स्थगित करने के तुरंत बाद संसद भवन के बाहर आकर पीएमएल-एन अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने आगाह किया कि अगर सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं करने दिया गया तो आगे जो होगा, उसके लिए वे जिम्मेदार नहीं होंगे. उन्होंने कहा, &lsquo;&lsquo;असद कैसर ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष के बजाय पीटीआई के एक कार्यकर्ता के तौर पर काम किया.&rsquo;&rsquo; उन्होंने कहा कि अगर कैसर ने &lsquo;&lsquo;प्रधानमंत्री खान के गुलाम के तौर पर काम&rsquo;&rsquo; करने की कोशिश की तो विपक्ष कानूनी और संवैधानिक प्रदर्शन करेगा. शरीफ की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए पीटीआई के वरिष्ठ नेता और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अध्यक्ष के खिलाफ निंदात्मक बातें करने के लिए उनसे माफी मांगने को कहा.</p>
<p style="text-align: justify;">एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विपक्ष को 27 मार्च को एक और झटका लगेगा. इस बीच, प्रधानमंत्री खान ने लोगों से रविवार को इस्लामाबाद में उनकी पार्टी की रैली में भाग लेने के लिए कहा. खैबर पख्तूनख्वा के मनसेहरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए खान ने विपक्ष पर सांसदों की खरीद-फरोख्त में शामिल होने का आरोप लगाया.</p>

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