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पाकिस्तानी संसद में सरकार के आंकड़ों की परीक्षा, सड़कों पर PM Imran और विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन

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Pakistani PM Imran Khan News: पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ संसद में पेश विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बढ़ते सियासी तनाव के बीच अब इस मुद्दे पर सड़क के टकराव का खतरा भी बढ़ गया है. पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने जहाँ अपने शक्ति प्रदर्शन के लिए 27 मार्च को इस्लामाबाद में हज़ारों कार्यकर्ताओं को जमा किया है. वहीं विपक्ष ने भी 28 मार्च को संसद की बैठक से पहले लॉन्ग मार्च का ऐलान करते हुए कार्यकर्ताओं के काफिले के साथ इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं.

कनून-व्यवस्था को लेकर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट भी चिंतित

संसद में होने वाले आंकड़ों के टकराव से पहले इमरान सरकार और विपक्ष के इन शक्ति प्रदर्शनों के मद्देनजर कनून-व्यवस्था को लेकर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट भी चिंतित है. इसके मद्देनजर अदालत ने इस्लामाबाद प्रशासन को प्रदर्शन और रैली के लिए हासिल एनओसी के प्रावधानों पर सख़्ती से अमल सुनिश्चित करने को कहा है. साथ ही हिदायत दी है कि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख़्ती से कार्रवाई की जाए.

इस बीच विपक्षी मोर्चे में शामिल जमात-ए-उलेमा-इस्लामी-फ़ज़ल JUIF के कार्यर्ताओं का बड़ा जत्था इस्लामाबाद पहुँच चुका है. वहीं पीएमएल-नवाज़ के कार्यकर्ताओं के हुजूम के साथ मरियम नवाज़ और हमज़ा शरीफ लाहौर से इस्लामाबाद की तरफ बढ़ रहे हैं. दूसरी तरफ सत्तारूढ़ पीटीआई भी आक्रामक तेवरों के साथ इस्लामाबाद में भी रविवार को बड़ा शक्ति प्रदर्शन कर रही है. इमरान खान के करीबी सहयोगी और सूचना प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी के मुताबिक यह पीटीआई की सबसे बड़ी रैली होगी जिसके लिए पूरे पाकिस्तान से कार्यकर्ता और समर्थक पहुंचे हैं.

पीएमएल-एन का लॉन्ग मार्च 28 मार्च को

हालांकि पीटीआई के पावर शो और विपक्ष के महंगाई भगाओ मार्च के बीच यूं तो तारीखों का अंतर रखा गया है. इमरान खान की रैली जहां 27 मार्च की दोपहर होगी. वहीं पीएमएल-एन का लॉन्ग मार्च 28 मार्च को इस्लामाबाद में है. लेकिन चढ़ते सियासी पारे के बीच इस बात का खतरा बरकरार है कि इस्लामाबाद की सड़कें ही टकराव का मैदान बन सकता है.

पीटीआई के 14 सांसदों के नाराज़गी जताते हुए पाला बदलने से इमरान सरकार अल्पमत में आ गई है. ऐसे उसके खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिसके जवाब में सत्तारूढ़ दल को पाकिस्तानी संसद में यह साबित करना है कि उसके पास बहुमत के लिए 172 का आंकड़ा मौजूद है. इसमें इमरान खान के लिए सहयोगी दलों को साथ रखना बड़ी चुनौती है. पीएमएल-क्यू और एमक्यूएम जैसे दलों का वोट बहुत अहम होगा जिनको साथ बनाए रखने के लिए इमरान खान के करीबी सिपहसालार पिछले दो दिनों से जुटे हुए हैं.

ये दांव चल सकते हैं इमरान

माना जा रहा है कि ज़रूरी आंकड़ों के अभाव में इमरान खान इस्तीफ़ा दे चुनाव में जाने जैसा दांव भी चल सकते हैं. हालांकि विपक्ष पहले ही यह संकेत.दे.चुका है कि निर्धारित प्रक्रिया के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव पर पाकिस्तान नेशनल असेंबली में 28 मार्च को बहस शुरू होगी. इस प्रस्ताव पर अगले 7 दिनों में मतदान अपेक्षित है. ऐसे में 3-4 अप्रैल को वोटिंग सम्भव है. हालांकि मौजूदा तेवर और तनाव के मद्देनजर इस बात की उम्मीद धुंधली है कि संसदीय कार्रवाई बिना रुकावट आगे बढ़ पाए.

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