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1 रुपये के सिक्कों के साथ लड़के ने खरीदी 2.6 लाख की बाइक, सिक्कों को गिनने में लगे 10 घंटे

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<p style="text-align: justify;">एक पुरानी कहावत है बूंद-बूंद से घड़ा भरता है, लेकिन हम आपसे कहें कि 1-1 का सिक्का जोड़कर बाइक बनती है तो आपको थोड़ा अजीब लगेगा, शायद आप भरोसा भी न करें, लेकिन यह हकीकत है और इसे तमिलनाडु के एक लड़के ने सच कर दिखाया है. इस लड़के ने 1-1 का सिक्का जमा करते हुए करीब 2.6 लाख रुपये जुटाए और इन सिक्कों से ही अपनी पसंदीदा बाइक खरीदी है. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>शोरूम वाले हुए हैरान</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु के सलेम में 29 साल के वी. बूपथी रहते हैं. शनिवार को यह एक बाइक शोरूम पर बाइक लेने पहुंचे. इन्हें Bajaj Dominar 400 मॉडल की बाइक लेनी थी. शोरूम स्टाफ से बाइक को लेकर बात हुई जब इन्होंने पेमेंट के लिए ठेले पर लेकर आया एक बड़ा बैग निकाला तो शोरूम वाले भी हैरान हो गए. दरअसल पेमेंट करने के लिए बूपथी 1-1 के सिक्के लाए थे और यह सिक्के कुल मिलाकर 2 लाख 60 हजार रुपये थे. इन सिक्कों को वह पैक करके छोटे ठेले में रखकर वैन पर लेकर आए थे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सिक्के गिनने में लगे 10 घंटे&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रिपोर्ट के अनुसार, इन सिक्कों को गिनने में शोरूम वालों को 10 घंटे लग गए. बूपथि ने बताया कि इन 1 के सिक्कों को वह 3 साल से जमा कर रहे थे. उन्हें चाय के स्टॉल पर, मंदिर पर या अन्य समान खरीदने के दौरान जब भी 1 का सिक्का मिलता था तो वह उसे जमा करते थे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’लड़के के सपने को देखते हुए सिक्के लेने को हुए तैयार'</strong></p>
<p style="text-align: justify;">शोरूम मैनेजर महाविक्रांत ने बताया कि पहले तो वह ये सिक्के लेने से मना करने वाले थे, लेकिन वह बूपथि को निराश नहीं करना चाहते थे, इसलिए वह सिक्कों में डील के लिए तैयार हुए. बैंक उनसे 1 लाख रुपये जमा करने पर 140 रुपये चार्ज करेगा. लेकिन उन्होंने फिर भी हामी भरी क्योंकि बूपथि का सपना था कि वह यह बाइक खरीदे और इसके लिए उसने ये पैसे जुटाए थे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>9 लोगों ने मिलकर की गिनती</strong></p>
<p style="text-align: justify;">महाविक्रांत ने बताया कि सिक्का मिलने के बाद उसे गिनने का काम शुरू किया. इसमें बूपथि, उसके चार दोस्त औऱ शोरूम के 5 स्टाफ लग गए. 10 घंटे की मेहनत के बाद रात 9 बजे गिनती पूरी हुई और हमने उसे बाइक दे दी. गांधी मैदान अम्मापेट में रहने वाले बूपथि एक प्राइवेट कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम करते हैं. वह एक यूट्यूबर भी हैं. उन्होंने बताया कि तीन साल पहले उन्होंने इस बाइक इक कीमत पता की थी. तब उन्हें शोरूम वालों ने इसकी कीमत 2 लाख रुपये बताई थी. उस समय मेरे पास पैसे नहीं थे, इसके बाद मैंने तय किया कि मैं एक-एक रुपये जमा करूंगा और यह बाइक लेकर रहूंगा. अंत में जब मुझे लगा कि मेरे पास इतने पैसे जमा हो गए हैं तो मैंने फिर से रेट पता किया. शोरूम वालों ने इस बार 2.6 लाख कीमत बताई, लेकिन मेरे पास इस बार इतने रुपये थे.</p>
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