<p style="text-align: justify;"><strong>Pakistani PM Imran Khan News:</strong> पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भले ही जीत के दावे कर रहे हों, लेकिन पाकिस्तान में इमरान की हार पर हार हो रही है. संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश हो गया अब बहस 31 मार्च को होगी. दावे तो बड़े-बड़े हैं, लेकिन अब इमरान की कुर्सी जाना तय माना जा रहा है. विपक्ष का कहना है कि वजीर-ए-आजम इतना बुजदिल है कि हमारा मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आखिर झुक गए इमरान</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इमरान ने पंजाब के सीएम उस्मान बुजदार को हटा दिया है. बुजदार इमरान के भरोसेमंद लोगों में से एक थे, लेकिन बागी सांसद बुजदार के खिलाफ हो गए थे. बुजदर की जगह PML-Q के चौधरी परवेज इलाही को चुना गया है. दरअसल इलाही को सीएम बना कर PML-Q से डील की है. PML-Q के पास पाक संसद में 5 सीटें हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">एक तरफ से लगता है कि कि इमरान ने शायद इस डील से अपनी कुर्सी बचा ली है, लेकिन पाकिस्तान में इमरान के खिलाफ इतनी नाराजगी है कि ये पांच सीट ऊंट के मुंह में जीरे की तरह हो सकती हैं. BAP यानी बलोचिस्तान अवामी पार्टी ने इमरान का साथ छोड़ दिया है. BAP के भी पाक संसद में 5 सीटें हैं. दो दिन में दो सहयोगी दल इमरान का साथ छोड़ चुके हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">जम्हूरी वतन पार्टी के अध्यक्ष शहजैन बुग्ती भी इनमें से एक हैं. यही वजह है कि विपक्ष ने बुलंद हौसलों के साथ कल पाकिस्तान की संसद में पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री बताए जा रहे, नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और कहा कि सदन को इमरान पर विश्वास नहीं है.</p>
<p style="text-align: justify;"> पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 95 के क्लॉज 1 के मुताबिक ये सदन प्रस्ताव करता है कि उसका प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी के ऊपर विश्वास नहीं रह गया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव</strong></p>
<ul style="text-align: justify;">
<li>अब अविश्वास प्रस्ताव पर 31 मार्च को बहस होगी.</li>
<li>सदन में प्रस्ताव आने के 3 बाद और 7 दिन पहले वोटिंग होती है.</li>
<li>इस हिसाब से 3 अप्रैल से पहले वोटिंग होनी जरूरी है.</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>नहीं काम आई इमरान की चालाकी</strong></p>
<p style="text-align: justify;">दरअसल 8 मार्च को विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था, लेकिन इमरान अविश्वास प्रस्ताव टालते रहे. 25 मार्च को सदन स्थगित कर दिया गया. 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पेश का सामना करने को मजबूर हुए. इमरान भाग इसलिए रहे थे, क्योंकि संसद में इमरान के पास बहुमत नहीं हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पाक संसद में इमरान की घटती ताकत</strong></p>
<ul style="text-align: justify;">
<li>पाकिस्तान संसद में कुल सदस्य संख्या है 342.</li>
<li>जबकि विश्वास मत हासिल करने के लिए 172 की जरूरत थी.</li>
<li>इमरान के पास कुल 179 सांसदों का समर्थन था.</li>
<li>इसमें से 24 सांसद बागी हो गए.</li>
<li>जबकि 23 सहयोगी सांसद भी इमरान से दूर हो गए हैं.</li>
<li>यानी कुल मिलाकर बचे हैं 132 जो बहुमत से चालीस कम हैं. कुल मिलाकर इमरान का जाना तय बताया जा रहा है.</li>
</ul>
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