अंतरराष्ट्रीय

जिस चिट्ठी के सहारे इमरान खान कुर्सी बचाने में जुटे उसी पर उठ रहे हैं ये 6 सवाल

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

Political Crisis In Pakistan: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) एक बार फिर देश के नाम संदेश के बहाने लोगों से रूबरू हुए. उन्होंने एक बार फिर अपने खिलाफ विदेशी साजिश का आरोप लगाया. साथ ही देश के भीतर मौजूद क़ई पुराने राजनेताओं को गद्दार जैसे जुमलों से नवाज़ा. यह तमाम बातें इमरान खान ने उस चिट्ठी के हवाले से कही जो कथित तौर पर 7 मार्च को अमेरिका में मौजूद पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत असद मजीद खान ने सरकार को भेजी थी.

सियासत की पिच पर सत्ता का मैच हारते नज़र आ रहे इमरान खान अपना विकेट बचाने के लिए राजदूत की चिट्ठी को कवच की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. उसे पाकिस्तान की स्वतंत्रता और खुद मुख्तारी का मुद्दा बना रहे हैं. लेकिन विपक्षी हमलों के खिलाफ इमरान खान कथित चिट्ठी को भले ही ढाल की तरह उठा रहे हों, उनके बचाव की इस छतरी में सवालों के क़ई छेद नज़र आ रहे हैं.

1. इमरान खान 7 मार्च को लिखी राजनयिक चिट्ठी को राष्ट्रीय सुरक्षा और पाकिस्तान के अंदरूनी मामलों में दखल का बड़ा मुद्दा बना रहे हैं. लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि 7 से 27 मार्च तक उन्होंने इस तथाकथित अतिसंवेदनशील चिट्ठी पर क्या किया?

2. इमरान अगर अमेरिका में अपने राजदूत की चिट्ठी में लिखी गई बातों को इतना नागवार मान रहे रहे थे तो फिर 21 मॉर्च को उनके विदेश मंत्री अमेरिकी विदेश विभाग की विशेष दूत उजरा ज़ोया का गर्मजोशी से स्वागत क्यों कर रहे? क्या उजरा के साथ 22 मार्च की मुलाकात में पाकिस्तान के एनएसए मोइद यूसुफ ने इस मामले को उठाया? आखिर क्यों अमेरिका को इस बारे में कोई आधिकारिक जवाब देने में तीन हफ्ते से अधिक का वक्त लगाया गया?

3. इमरान खान अपने खिलाफ विदेशी मदद से हो रही साजिश में विपक्षी नेताओं के शामिल होने का आरोप लगा रहे हैं. लेकिन अगर यह वाकई सच है तो उनके राज में देशद्रोह के ऐसे गम्भीर मामले की कोई शिकायत या कार्रवाई अब तक क्यों दर्ज क्यों नहीं की गई? 

4. इमरान खान ने इस चिट्ठी पर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाने में इतना देर क्यों की? यह बैठक फौरन बुलाए जाने की बजाए विपक्ष की आलोचना और सवालों के बाद 31 मार्च को क्यों बुलाई गई.

5. चिट्ठी सामने आने के बाद बजाए इसपर सख्त ऐतराज दर्ज कराने या कोई जांच शुरू करने के बजाए इस्लाबाद में 27 मार्च को आयोजित रैली के लिए क्यों बचाकर रखा? अगर पाकिस्तान की संप्रभुता पर चोट करने की कोई कोशिश हुई तो सत्तारूढ़ पार्टी के नेता और सरकार के मंत्री इसे इमरान का सरप्राइज़ क्यों करार देते रहे? 

6. इमरान भाषणों में भले ही चिट्ठी को खतरनाक साजिश करार दे रहे हैं. लेकिन उनकी ही अगुवाई और तीनों सेना प्रमुखों की मौजूदगी में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक ने कथित चिट्ठी पर राजनयिक स्तर पर प्रतिक्रिया देने का फैसला क्यों किया?

इमरान खान की जाती है कुर्सी तो कौन बनेगा पाकिस्तान का प्रधानमंत्री? ये हैं टॉप तीन दावेदार



Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button