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<p>पाकिस्तान का विदेशी धन पिछले साल दिसंबर से गंभीर दबाव में है. गहराते आर्थिक संकट और विदेशी धन भंडार की कमी के बीच, देश ऋण, प्रेषण, उच्च निर्यात और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बोझ में बना हुआ है.</p>
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