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श्रीलंका में राष्ट्रपति के घर की चौखट तक पहुंची विद्रोह की आग, भारत ने भेजा 40 हजार टन डीजल

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<p style="text-align: justify;">श्रीलंका में जब जनविद्रोह की आग सत्ताधारियों के महलों को झुलसाने लगी तब उनको होश आया है कि इस बदहाली के मुद्दे पर चर्चा करनी जरूरी है. श्रीलंका में राजपक्षे सरकार ने मौजूदा स्थिति पर संसद में बहस करने का फैसला किया है. यहां आज और कल यानी दो दिन संसद में बहस होगी.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">देश की मौजूदा हालात यह है कि अब यहां पर आर्थिक संकट के बाद सियासी संकट के बादल भी गहरा गए हैं. पूरा देश अब राष्ट्रपति को हटाए जाने की मांग कर रहा है. लेकिन राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने एक बार फिर इस्तीफे से इंकार किया है, जबकि श्रीलंका की पूरी कैबिनेट पहले ही इस्तीफा दे चुकी है. जिसके बाद नए वित्त मंत्री की नियुक्ति हुई, लेकिन उन्होंने 24 घंटे के अंदर अपना इस्तीफा भेज दिया, राष्ट्रपति को अंतरिम सरकार के गठन की सिफारिश की गई है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सरकार को उठाना होगा ठोस कदम&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">श्रीलंका इन दिनों &nbsp;इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. ईंधन, रसोई गैस के लिए लंबी लाइन, जरूरी सामान की किल्लत और घंटों बिजली कटौती से जनता महीनों से परेशान है. श्रीलंका की सरकार ने तंगी के मुद्दे पर अब जाकर एक ऐसा फैसला लिया है जो कि उसे बहुत पहले ही ले लेना चाहिए था. इस बीच भारत अपने वादे के मुताबिक श्रीलंका की मदद कर रहा है। भारत ने शनिवार को संकटग्रस्त श्रीलंका को 40,000 टन डीजल वितरित किया.</p>
<p style="text-align: justify;">सोने की लंका अब पूरी तरह से कंगाल हो चुकी है, जरूरी सामान की किल्लत है और जो थोड़ा बहुत सामान मिल रहा है उन चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं. श्रीलंका में आम जनता का गुस्सा अब सातवें आसमान पर है. यहां हफ्तों-हफ्तों से लोग जरूरी सामान खरीदने के लिए कतारों में खड़े हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong> तेल के लिए 10 दिनों से कतारों में खड़े हैं</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जब apb न्यूज की टीम श्रीलंका की राजधानी कोलंबो पहुंची तो वहां हमारी मुलाकात ऐसे लोगों से भी हुई जो तेल के लिए 10 दिनों से कतारों में खड़े हैं. वहीं दूसरी तरफ विद्रोह की लहर सिर्फ राष्ट्रपति के घर की चौखट तक पहुंच गई और सड़कों पर डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ भी उतर आए हैं. उसकी वजह है बड़े बड़े अस्पतालों में जान बचाने वाली दवाओं का खत्म हो जाना.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">डॉक्टरों के अलावा डूबते हुए टूरिजम इंडस्ट्री को बचाने के लिए श्रीलंकाई होटल एसोसिएशन के सदस्यों और स्टाफ ने भी विरोध का रास्ता अपनाया है. दरअसल बुकिंग न मिलने और घर लौटते विदेशी पर्यटकों के कारण होटल व्यापारी परेशान हैं. श्रीलंका में हालात अब ऐसे हैं कि बड़ी बड़ी हस्तियां भी सरकार के &nbsp;खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो गई है. कल मशहूर क्रिकेटर सनथ जयसूर्या की तस्वीर भी सामने आई जिसमें वो राष्ट्रपति को हटाए जाने की मांग करते हुए दिखे.&nbsp;</p>
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