<p>पाकिस्तान में सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाती जिसके वजह से पांच साल करीब आते-आते सरकार की कुर्सी पर संकट के बादल मंडराने लगते हैं. इमरान खान के साथ भी यही हो रहा है. अब देखना ये होगा कि पाकिस्तान के सियासत के कप्तान अपनी सियासी पारी को आगे ले जा पाते हैं या विपक्ष के यॉर्कर से क्लीन बोल्ड हो जाएंगे</p>
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