ताइपे, दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना के युद्धाभ्यास से बेपरवाह चीन ताइवान पर कब्जे की तैयारी में जुट गया है। यही नहीं चीन अब हर लगभग हर दिन ताइवान की सीमा में फाइटर जेट भेज रहा है। यह कहना है ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू का। वू ने कहा कि चीन बलपूर्वक ताइवान पर कब्जे की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से चीन न केवल ताइवान पर हमले का अभ्यास कर रहा है, बल्कि हर दिन अपने फाइटर जेट को हमारे एयर स्पेस में भेज रहा है। यह हमारे लिए चिंता का सबब बन गया है। ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा कि चीन धीरे-धीरे अपनी सैन्य तैयारी को खासतौर पर हमारे देश के हवाई इलाके और समुद्र में बढ़ा रहा है। चीन सैन्य तैयारी के जरिए ताइवान के मुद्दे को सुलझाना चाहता है। वून ने कहा, खतरा अब बढ़ता ही जा रहा है। उधर, चीन का दावा है कि इस तरह के युद्धाभ्यास का मकसद यह दर्शाना है कि हमारा देश अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। चीन का कहना है कि ताइवान उसका हिस्सा है और उस नियंत्रण के लिए सैन्य हमले की धमकी भी दी है। दरअसल, वर्ष 1949 में चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गृहयुद्ध के बाद राष्ट्रवादी नेता चियां काई-शेक ताइवान भाग गए थे। ताइवान जापान का उपनिवेश रह चुका है। इसके बाद माओ के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ने चीन पर नियंत्रण कर लिया था। चीन की शी जिनपिंग सरकार ने वर्ष 2016 में त्साई इंग वेन के राष्ट्रपति बनने के बाद ताइवान से अपना संबंध खत्म कर लिया है। यही नहीं चीन ने ताइवान को राजनयिक रूप से अलग-थलग करने की कोशिश में लगा हुआ है। हमले की भी धमकी दे रहा है। चीन हॉन्ग कॉन्ग में पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने के बाद अब ताइवान को धमकाने में लग गया है। ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा कि जापान और अमेरिका जैसे सहयोगियों के समन्वय की जरूरत है। ताइवान का इन दोनों से ही घनिष्ठ संबंध है।
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