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इमरान खान क्लीन बोल्ड! सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्यों मुश्किल भरा है उनका राजनीतिक सफर

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Pakistan Political Crisis:  पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने और उसके बाद संसद को भंग करने को असंवैधानिक करार दिया है.

बता दें नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम खान सूरी ने रविवार को अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को गिराने की तथाकथित विदेशी साजिश से जुड़े होने का हवाला देते हुए उसे खारिज कर दिया था. कुछ मिनट बाद, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था.

इमरान के सामने बड़ा राजनीतिक संकट
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान को अब अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना होगा. जानकारी के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग 9 अप्रैल को होगी. इमरान के लिए अपनी सरकार बचा पाना मुश्किल होगा.  इमरान खान को सरकार बचाने के लिए 342 सदस्यीय संसद (नेशनल असेंबली) में 172 मत की जरूरत पड़ेगी. फिलहाल पीटीआई के सदन में 155 सांसद हैं. इमरान को करीब दो दर्जन सांसदों की बगावत और सहयोगी दलों की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है.

क्या इतिहास रचेंगे इमरान
अगर इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है तो वो एक ऐसा इतिहास बनाएंगे जिसे याद करना शायद वह पसंद न करें. दरअसल पाकिस्तान के इतिहास में अब तक किसी भी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए नहीं हटाया गया है, लेकिन इस चुनौती का सामना करने वाले इमरान खान तीसरे प्रधानमंत्री हैं.

खान वर्ष 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने का वादा करके इमरान सत्ता में आए, लेकिन बेलगाम महंगाई पर नियंत्रण पाने में सरकार की विफलता ने विपक्ष को सरकार के खिलाफ एक मौका दे दिया. पाकिस्तान में अब तक कोई प्रधानमंत्री पांच साल का कार्यकाल नहीं पूरा कर सका है.

विपक्ष ने 8 मार्च को पेश किया अविश्वास प्रस्ताव
पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति 8 मार्च के बाद खराब हो गई है जब विपक्षी दलों द्वारा नेशनल असेंबली सचिवालय में एक अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. अविश्वास प्रस्ताव में आरोप लगाया गया कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है.

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