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UNHRC से रूस के बाहर होने पर राष्ट्रपति बाइडेन से लेकर जेलेंस्की तक जानें किसने क्या कहा

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संयुक्त राष्ट्र महासभा में बहुमत से रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से सस्पेंड कर दिया गया है. रूस के खिलाफ अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में ये प्रस्ताव रखा था जिसके समर्थन में 93 देशों ने वोटिंग की. लेकिन भारत ने UNHRC से रूस को निलंबित करने के प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से रूस के निलंबन को एक ‘महत्वपूर्ण कदम’ बताया है.

यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने कहा, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि युद्ध अपराधियों के लिए UNHRC में कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा, ‘सभी सदस्य देशों का आभारी हूं जिन्होंने संबंधित यूएनजीए प्रस्ताव का समर्थन किया और इतिहास में सही पक्ष के साथ खड़े हुए.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी रूस को मानवाधिकार परिषद से निलंबित करने के लिए मतदान की सराहना की. उन्होंने कहा, “यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा एक सार्थक कदम है जो दर्शाता है कि कैसे पुतिन ने युद्ध के जरिए रूस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग बना दिया है. रूस मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन कर रहा है. रूस का मानवाधिकार परिषद में कोई स्थान नहीं है.”

रूस ने युद्ध खत्म करने के दिए संकेत
रूस की तरफ से एक ऐसा बयान आया है जिसने इस बात के संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में इस युद्ध को खत्म कर दिया जाएगा. पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने एक ताजा बयान में कहा, ‘यह ऑपरेशन अपने अंजाम तक पहुंच जाएगा या हम इसे रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत से खत्म कर देंगे.’

रूस दूसरा देश है जिसकी यूएनएचआरसी सदस्यता छीन ली गई है. महासभा ने 2011 में लीबिया को परिषद से निलंबित कर दिया था. रूसी सैनिकों द्वारा यूक्रेन के बुचा शहर में की गई नागरिकों की हत्याओं की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद से रूस को निलंबित करने का अभियान शुरू किया था.

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