अंतरराष्ट्रीय

यूक्रेन से युद्ध की रूस को चुकानी पड़ रही भारी कीमत, खाने-पीने के सामान के दाम 45% तक बढ़े

Russia Ukraine Conflict: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को अब 1 महीने 10 दिन से अधिक का समय बीत चुका है. रूसी सेना अब भी यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में जमकर तबाही मचा रही है, हजारों आम लोग मौत के घाट उतारे जा चुके हैं. वहीं इस युद्ध में मजबूत समझे जाने वाली रूस को भी हर तरफ से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. तमाम देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से रूस में स्थिति खराब होती जा रही है. देश में महंगाई और आर्थिक समस्या बड़ी दिक्कत बनती जा रही है. रूस में खाने के सामानों की कीमत में 45% तक की वृद्धि हो गई है. बढ़ती महंगाई से आम आदमी काफी परेशान है.

कम हो रही रही रूबल की वैल्यू

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से रूसी मुद्रा रूबल की वैल्यू डॉलर की तुलना में 30 प्रतिशत तक गिर गई है. इसका असर खाने-पीने के सामान पर भी पड़ रहा है और इनमें करीब 45 प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई है. लोगों को सामान लेने में भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

बिजली के सामान भी हुए महंगे

प्रतिबंधों का असर सिर्फ खाने-पीने की कीमतों पर ही नहीं, बल्कि बिजली से जुड़े सामान पर भी दिख रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस में अब इलेक्ट्रॉनिक सामान के दाम 17 पर्सेंट तक बढ़ गए हैं. कुछ सामान के दामों में 300 फीसदी तक की बढ़ोतरी की बात भी कही जा रही है.     

क्यों हो रही इतनी दिक्कत

दरअसल, अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने युद्ध शुरू होते ही मिलकर रूस को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन वाले ऑर्गेनाइजेशन स्विफ्ट से बाहर कर दिया था. इससे रूस की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है. अधिकतर देशों ने व्यापारिक संबंध भी खत्म कर लिए हैं. इससे रूस अपने सामान को निर्यात नहीं कर पा रहा है. उसकी आय एकदम ठप हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक, रूस से करीब 59 कंपनियां बिजनेस बंद कर चुकी हैं.

पैसे निकालने पर भी रोक

बढ़ते संकट को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ रूस ने 7.65 लाख रुपये से ज्यादा पैसे निकालने पर रोक लगा दी है. इसकी वजह से रूस में बैंकों और ATM  के बाहर लोगों की लंबी लाइन लग रही है.

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