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इमरान को हटाकर पाकिस्तान की हुकूमत में आ रहे हैं शहबाज, क्या पड़ेगा भारत के हितों पर असर

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पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हो गया है. इमरान खान प्रधानमंत्री के पद से हट गए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई और पीएमएल(एन) के नेता शहबाज शरीफ के हाथों में अब मुल्क की कमान होगी. लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल है कि शहबाज शरीफ के पीएम बनने के बाद भारत के हितों पर क्या असर पड़ेगा. ऐसा लगता नहीं है कि भारत के लिहाज से उनके कार्यकाल में कुछ अलग होगा. 

शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद का नामांकन भरते ही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्रियों की तरह वही पुराना कश्मीर राग छेड़ दिया. उन्होंने भारत के साथ बातचीत के मुद्दे पर कहा कि हम भारत के साथ शांति चाहते हैं, लेकिन कश्मीर का मुद्दा पहले सुलझाना होगा. पाकिस्तान में सेना के डर से हर राजनीतिक दल की मजबूरी है कि वे कश्मीर मुद्दे को हमेशा उठाते रहे. पाकिस्तानी सेना भी इसी मुद्दे के दम पर अपने गरीब मुल्क के बजट से भारी-भरकम पैसा ऐंठती है.

शहबाज शरीफ के लिए चुनौती ये है कि उन्हें सेना के साथ अच्छे संबंध बनाकर रखने हैं, वो इसलिए क्योंकि उनकी पार्टी और बड़े भाई नवाज शरीफ के रिश्ते सेना के साथ बेहद कड़वाहट से भरे रहे हैं. शहबाज शरीफ राजनीति में नए नहीं हैं. उन्हें पता है कि सरकारें कैसे चलती हैं. उनके पास लंबा राजनीतिक अनुभव भी है लेकिन पाकिस्तान में किसी के पास कितना भी राजनीतिक अनुभव क्यों न हो वो अपनी गद्दी को लेकर कोई भविष्वाणी नहीं कर सकता. 

कैसा रहा है शाहबाज शरीफ का राजनीतिक करियर…

– 70 साल के शहबाज शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के सांसद हैं 
– और पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं.
– वो 2018 से नेशनल असेंबली के सदस्य हैं और विपक्ष के नेता हैं.
– शहबाज शरीफ 2018 के चुनावों में PM पद के उम्मीदवार भी थे. 
– 1980 के दशक में राजनीति में कदम रखने वाले शरीफ ने 1988 में पहला चुनाव जीता था. 
– 1997 में वह पहली बार मुख्यमंत्री बने, इसके बाद 2008 और 2013 में भी वह पंजाब के मुख्यमंत्री रहे.
– उनके भाई नवाज शरीफ को पद से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उन्हें पीएमएल-एन का अध्यक्ष बनाया गया था. 

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