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पढ़ें, रूस-यूक्रेन युद्ध के सबसे खतरनाक वॉर-जोन में पहुंची abp न्यूज़ की ये रिपोर्ट

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जिधर देखो उधर बमबारी में तबाह हुए घर, सरकारी इमारतें, अस्पताल और स्कूल. सड़क पर दौड़ते ‘Z’ (जेड) निशान वाले टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां. जगह-जगह रूस और दोनेत्सक पीपुल्स रिपब्लिक के झंडे. जगह-जगह लाइव बम और माइन्स को निष्कृय करता बम डिस्पोजल स्कॉयड.‌ ये पहचान है रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के सबसे खतरनाक वॉर-जोन, दोनेत्सक की. एबीपी न्यूज की टीम इन दिनों दोनोत्सक में है और खुद अपने आंखों और कैमरे से कैद किया है जंग का ये भयावह मंजर.

रूस के दक्षिणी इलाके रोस्तोव-ऑन-डॉन शहर से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर है डॉनबास का दोनेत्सक शहर. इसी शहर के नाम पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर युद्ध की घोषणा कर अलग दोनेत्सक राष्ट्र की घोषणा की थी. दोनेत्सक के अलावा डॉनबास के एक दूसरे प्रांत, लुहांस्क को भी पुतिन आजाद घोषित कर चुके हैं.

20 लोगों की हुई थी मौत

दोनेत्सक शहर में दाखिल होते ही हमें दिखाई दी जमींदोज हुई मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट की एक बिल्डिंग यानि बहुमंजिला इमारत.‌ जानकारी के मुताबिक, जंग के दौरान यूक्रेन ने इस बिल्डिंग पर तोचका मिसाइल दागी थी. इस हमले में रिहायशी इमारत में रहने वाले 20 लोगों की जान चली गई थी. बिल्डिंग के नीचे पूरा मलबा पड़ा है जिसमें खिड़की-दरवाजों के कांच से लेकर तबाह हो चुके फ्रीज, कूलर, तकिए और घरों में इस्तेमाल होने वाला सामान शामिल है.

रूसी सेना और स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां किसी भी तरह की कोई सैन्य छावनी या गतिविधि नहीं थी इसके बावजूद यूक्रेन ने यहां के मासूम नागरिकों को निशाना बनाया. रूस के बॉर्डर से दोनेत्सक शहर तक सबकुछ सामान्य जैसा लगता है. सड़कों पर गाड़ियां दौड़ रही हैं, बस और ट्राम भी चल रही हैं. लोग अपने ऑफिस और काम पर जा रहे हैं. सड़कों और इमारतों पर हालांकि, रूस के राष्ट्रीय झंडे के साथ साथ नए दोनेत्सक पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर) के झंडे दिखाई पड़ते हैं.

सड़क‌ और हाईवे पर जगह जगह ‘Z’ (जेड)) के निशान वाली रूसी सेना और दोनेत्सक मिलेशिया यानि विद्रोहियों के चैक-पोस्ट दिखाई पड़ते हैं. लेकिन सड़क के दोनों तरफ सैनिकों के बंकर जरुर बने हुए हैं. रूसी सेना के मुताबिक, दोनेत्सक शहर के आगे तक रूस के सैनिक और रुस समर्थित दोनेत्सक मिलेशिया यानि विद्रोही ‘डोमिनेट’ करते हैं इसलिए यहां अब यूक्रेन की सेना नहीं है. यानि यूक्रेन की सैनिकों को यहां से खदेड़ दिया गया है. लेकिन शहर के चप्पे-चप्पे को रूस के सैनिक और विद्रोहियों ने अपने अधिकार में कर जबरदस्त सुरक्षा कर रखी है.

पुलिस और ‘जेड’ नंबर की गाड़ियां सड़कों पर गश्त करने के साथ साथ जगह जगह खड़ी हुई दिखाई देती हैं. लेकिन इस दौरान भी दूर से बम-धमाकों की आवाज जरूर सुनाई दे रही थी. दोनेत्सक शहर के बाहरी इलाकों में आते ही मंजर एकदम बदल जाता है. यहां गांव के गांव और कस्बों के कस्बे उजड़े दिखाई पड़ते हैं. एक लाइन से करीब आधा-आधा किलोमीटर तक घर गिरे पड़े हैं. ये सभी बमबारी और मिसाइलों का निशाना बने हैं. यहां के लोग बिना घर के हैं और सार्वजनिक जगहों पर शरण लेने के लिए मजबूर हैं.

अस्पताल तक पूरी तरह तबाह

दोनेत्सक के बाहरी इलाकों में अस्पताल तक जंग की भेंट चढ़ गए हैं. अस्पताल तक पूरी तरह तबाह हो गए हैं. खिड़की-दरवाजे और शीशे सब चकनाचूर हो चुके हैं. मरीज को लिटाने वाली स्ट्रेचर और वार्ड तक बर्बाद हो चुके हैं.‌ मेडिकल स्टोर में दवाईयां चत चकनाचूर हो चुकी है. सरकारी इमारतें, रेस्टोरेंट सब जलकर खाक हो गए हैं.

शहर में डरे-सहमे लोगों के बीच टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों के काफिले गुजर रहे हैं. लोगों के जेहन में डर है कि 46 दिन बाद फिर से कहीं जंग ना शुरू हो जाए. शहर में जहां जहां इमारतें गिरी हैं वहां बम डिस्पोजल स्कॉवयड माइन्स को निष्क्रय करने में जुटा है. क्योंकि कई जगह ऐसी हैं जहां बम फटे नहीं. उन जगह को सेना और पुलिस ने स्थानीय लोगों के लिए ‘आउट ऑफ बॉउंड्स’ कर रखा है.

इसी दौरान यहां पर हमें एक स्कूल दिखाई दिया जहां दोनेत्सक के लोग यूक्रेन से आजादी का जश्न मना रहा हैं.‌ स्कूल बमबारी में पूरी तरह टूट पड़ा है. लेकिन स्कूली बच्चे और अभिवाक इकठ्ठा हैं अपना एकता दिवस मनाने कि लिए. रूसी झंडे के साथ दोनेत्सक का झंडा लगा है और लोग यहां अपनी आजादी के गीत गा रहे हैं.

दोनेत्सक पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर) यानि नए देश के प्रमुख, डेनिस पुष्लिन ने दोनेत्सक शहर में मौजूद अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को संबोधित भी किया और बताया कि पिछले 46 दिन में दोनेत्सक को कितना बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. 

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