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आर्थिक संकट से निपटने के लिए क्या श्रीलंका में बनेगी अंतरिम सरकार

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Sri Lanka economic crisis:  श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट से निपटने के लिए अंतरिम सरकार बनाये जाने संबंधी प्रदर्शनकारियों के आह्वान को शनिवार को खारिज कर दिया. श्रीलंका में नौ अप्रैल से बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास महत्वपूर्ण सामान आयात के लिए पैसे नहीं हैं. इसके अलावा आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं और ईंधन, दवाओं और बिजली की आपूर्ति में भारी कमी आई है. 

रेडियो स्टेशन ‘नेथ एफएम’ से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ”जब अलग-अलग नीतियों वाले लोग एकमत नहीं हो सकते तो अंतरिम सरकार के गठन का क्या फायदा? समझौता होना चाहिए ,जो संभव नहीं है. यदि किसी अंतरिम सरकार के गठन की जरूरत है, वह मेरे नेतृत्व में ही बननी चाहिए.”

भारत 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त ऋणसुविधा दी
इस बीच गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे श्रीलंका की मदद के लिए भारत उसे ईंधन खरीद के लिए 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त ऋणसुविधा देने के लिए राजी हो गया है. श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारत से मिलने वाली इस ऋणसुविधा का इस्तेमाल कच्चे तेल के आयात के लिए किया जाएगा. विदेशी मुद्रा के अभाव में श्रीलंका अपनी ईंधन जरूरत के लिए तेल भी आयात नहीं कर पा रहा है.

हालांकि श्रीलंका ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से त्वरित वित्तीय मदद के लिए गुहार लगाई हुई है लेकिन इस राहत पैकेज पर बातचीत में हो रही देरी को देखते हुए भारत ने अपनी तरफ से उसे 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त ऋणसुविधा दी है. भारत ने इसके पहले फरवरी में भी श्रीलंका को ईँधन खरीद के लिए 50 करोड़ डॉलर की ऋणसुविधा दी थी.

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