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इस्लामाबाद . पाकिस्तान के आम चुनाव में 116 सीटें जीतकर तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़ी पार्टी बनी है। इसके बावजूद पार्टी के मुखिया इमरान खान को प्रधानमंत्री बनने के लिए करीब 20 दिन इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल, इसके लिए उन्हें सदन में एक ‘समर्थन टेस्ट’ देना होगा। पाकिस्तान में नियम है कि प्रधानमंत्री पद के लिए चुने व्यक्ति को 342 सदस्यों में से 172 का समर्थन हासिल करना पड़ता है। फिलहाल, पार्टी ने 161 सांसदों के समर्थन का दावा किया है। इनमें पीटीआई के 116, महिला रिजर्व सीट के 26, सहयोगी पार्टी मुताहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) के 15 और चार अल्पसंख्यक सांसद शामिल हैं। अगर इमरान बहुमत साबित नहीं कर पाए, तो उनकी दावेदारी रद्द हो जाएगी, तब पार्टी दूसरे नेता के नाम का प्रस्ताव रखेगी।
एमएमए समर्थन में या विरोध में, साफ नहीं: इमरान का दावा है, मुताहिदा मजलिस-ए-अमल के नेता उन्हें समर्थन दे रहे हैं। इस पार्टी ने 13 सीटों पर जीत हासिल की है और उसे महिला कोटे की 2 रिजर्व सीट भी मिलेंगी। हालांकि, एमएमए के अध्यक्ष फजलुर रहमान के इस्लामाबाद स्थित आवास पर ही शुक्रवार शाम विरोधी दलों ने बैठक की। उसमें चुनाव के नतीजों का बहिष्कार करने का फैसला किया गया। साथ ही, निष्पक्ष तरीके से दोबारा चुनाव कराने की मांग भी की गई।
272 में से 270 सीटों के नतीजे घोषित
पार्टी सीटें
तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) 116
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 64
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 43
मुताहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) 13
अन्य 21
निर्दलीय 13
कुल 270
सरकार बनने से पहले अभी तीन प्रक्रियाएं बाकी :
1) चुनाव के बाद यहां सदन की प्रक्रिया पूरी होने में 15-20 दिन लगते हैं। बताया जा रहा है कि इसके लिए 15 अगस्त का दिन तय किया गया है।
2) इसके अलावा चुनाव आयोग के नियमानुसार, नेशनल असेंबली के लिए चुने उम्मीदवारों को नतीजों के बाद 10 दिन में चुनावी खर्च की जानकारी देनी होती है, नहीं तो उन पर जुर्माना लगाया जाता है। यह जानकारी मिलने के बाद चुनाव आयोग उम्मीदवारों के जीतने की अधिसूचना जारी करता है।
3) यहां निर्दलीय जीतने वाले उम्मीदवारों को कोई राजनीतिक दल चुनना पड़ता है। इसके बगैर वे संसद की बैठकों में शामिल नहीं हो सकते। किसी पार्टी में शामिल होने के लिए उन्हें तीन दिन का समय दिया जाता है।
रिजर्व सीटों का भी होगा फैसला : नेशनल असेंबली में कुल 342 सीटें हैं। इनमें 272 सीटों पर चुनाव हुआ है। इनके अलावा 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें अल्पसंख्यकों के लिए रिजर्व हैं। महिला सीटों में से 33 पंजाब, 14 सिंध, नौ खैबर पख्तूनख्वा और चार बलूचिस्तान में हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, पार्टीयों को उनकी जीती हुई हर साढ़े चार सीटों के बदले एक महिला सीट दी जाती है।