<p style="text-align: justify;">एक वक्त जब साल 2006 में फेसबुक को खरीदने के लिए याहू की तरफ से 1 बिलियन डॉलर का ऑफर किया गया था उस वक्त इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा था कि वह इतने पैसों का आखिर क्या करेंगे. नई किताब में सोशल मीडिया की दिग्गज हस्ती के बारे में यह कहा गया है.</p>
<p style="text-align: justify;">उस वक्त उनके फेसबुक बोर्ड के सदस्यों और सलाहकारों ने जुकरबर्ग से कहा था कि वह संभावित रूप से $ 1 बिलियन की पेशकश की आधी से ही काफी दूर जा सकते हैं और वे जो चाहें कर सकते हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार शीरा फ्रेनकेल और सेसिलिया कांग ने अपनी नई किताब "An Ugly Truth" में लिखा, जो मंगलवार को सामने आई. </p>
<p style="text-align: justify;">किताब के मुताबिक, लेकिन याहू के ऑफर के एक महीने के बाद जुकरबर्ग ने फेसबुक के बोर्ड मेंबर पीटर थिएल और वेंचर कैपिटलिस्ट जिम ब्रेयर से कहा था कि वह ये नहीं जानते हैं कि वे इन पैसों का आखिर करेंगे क्या और अगर वह इसे स्वीकार करते हैं तो फिर फेसबुक की तरह एक अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाएंगे. किताब के अनुसार, जुकरबर्ग ने सोचा था कि फेसबुक बहुत बड़ा हो सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;">सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, किताब के लेखक फ्रेनकेल और कांग ने फेसबुक के एग्जक्यूटिव्स, मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों, सलाहकारों और अन्य के करीब एक हजार से ज्यादा घंटों तक इंटरव्यू किया है. फ्रेंडस्टर, गूगल, वायकॉम, मायस्पेस और न्यूज़कॉर्प समेत कई कंपनियों ने साल 2004 से 2007 के बीच फेसबुक को खरीदने की कोशिश की थी. लेकिन जून 2006 में सबसे बड़ा याहू का प्रस्ताव था- 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का.</p>
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