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क्या भारत में अपने सैन्य बेस बनाना चाहता है अमेरिका? अमेरिकी विदेश मंत्री ने किया इशारा

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अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद भविष्य में भी अमेरिका अफगानिस्तान से ऑपरेट कर रहे आतंकी गुटों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तैयारी रखना चाहता है. अमेरिकी प्रशासन इस संबंध में दूसरे देशों में अपन बेस/’स्टेजिंग एरिया’ बनाने के लिए बात कर रहा है, ताकि वो ज़रूरत पड़ने पर अफ़ग़ानिस्तान में आतंकियों और उनके ठिकानों पर ‘ओवर द होराइज़न’ हमले कर सके.

पर क्या भारत में भी अमेरिका ऐसे बेस बनाना चाहता है, क्या भारत सरकार के सामने अमेरिका ने ऐसी कोई मांग रखी है? इस मुद्दे पर जब अमेरिका में विदेश मामलों की संसदीय समिति में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन से सवाल पूछे गए तो उनहोंने अपने जवाब से चौंका दिया. एंटनी बलिन्कन ने इस संभावना से इंकार नहीं किया.

विदेश मामलों की समिति की बैठक में पूछा गया कि क्या अमेरिका ओवर द होराइज़न हमलों के लिए स्टेजिंग एरिया बनाने के लिए भारत के संपर्क में है या नहीं ? इसके जवाब में ब्लिंकन ने खुलकर स्पष्ट जवाब तो नहीं दिया, मगर इससे इंकार भी नहीं किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत से संपर्क में बना हुआ है, और स्टेजिंग एरिया और ऐसी किसी भी योजना के बारे में वो समिति के सामने सार्वजनिक जानकारी नहीं दे सकते.

रिपब्लिकन सांसद मार्क ग्रीन ने विदेश मंत्री क्लिंटन से पूछा था कि क्या ‘ओवर द होराइज़न’ ऑपेरशन के लिए स्टेजिंग एरिया की ज़रूरत के लिए क्या आप भारत से संपर्क में हैं ? मार्क ग्रीन ने उत्तर पश्चिमी भारत को उपयुक्त बताया, और कहा कि दोहा और बाकी इलाके अफ़ग़ानिस्तान से बहुत दूर हैं. आपको बता दें कि इससे पहले अमेरिका पाकिस्तान में भी स्टेजिंग एरिया की मांग कर चुका है.

सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान से बाहर निकलने से पहले अमेरिका ने पाकिस्तान से भी मिलिट्री बेस की मांग की थी. जिसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि वो सीआईए CIA को सीमापार आतंक विरोधी अभियानों के लिए अपनी ज़मीन पर बेस बनाने की अनुमति नहीं देंगे. 
हालांकि, इस मामले को लेकर अभी तक पाकिस्तान ने स्तिथि पूरी तरह से साफ नहीं की है. 29 अगस्त को US के मिलिट्री प्लेन के इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर लैंडिंग की तस्वीरों ने भी सवाल खड़े कर दिए थे कि कहीं इमरान केवल चुनावी नुकसान बचाने के लिए तो पाकिस्तान की आवाम से झूठ नहीं बोलती रहे ?

इस बीच विदेश मंत्री एंटनी बलिन्कन के बयान के बाद अब देश में इस मामले को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने सरकार से सवाल किया है कि क्या यह सही है कि अमेरिका ने भारत से संपर्क किया है कि वह उत्तर पश्चिम में अपने ठिकानों से अफगानिस्तान के खिलाफ हवाई हमलों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दें.

उन्होंने इस मामले पर प्रधानमंत्री मोदी से जवाब की मांग की है. मनीष तिवारी ने कहा कि जिस भी देश ने अमेरिका को सैन्य अभियानों के लिए अपनी धरती का उपयोग करने की अनुमति दी, वह विनाशकारी रहा है. पिछले 70 वर्षों में किसी भी विदेशी ताकत को भारत में बेस स्थापित करने की अनुमति नहीं दी गई है. यह भारत की संप्रभुता का सबसे बड़ा उल्लंघन होगा.

अब देखना दिलचस्प होगा कि कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी बलिन्कन के बयान और विपक्ष द्वारा उठाए गए इस सवाल फर सरकार क्या सफाई देती है.

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