अंतरराष्ट्रीय

अफगानिस्तान को मिलने वाली सहायता राशि पर तालिबान की नजर

काबुल: अफगानिस्तान पर मंडरा रहे बड़े मानवीय संकट को रोकने के लिए विश्व संगठनों ने मानवीय सहायता जुटाना शुरू कर दिया है. इस बीच तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में आने वाली सहायता आपूर्ति उन्हें सौंप दी जानी चाहिए. तालिबान खुद गरीबों, जरूरतमंदों और योग्य लोगों को सहायता राशि प्रदान करने की जिम्मेदारी लेना चाहता है.

यह बयान इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर मुत्ताकी ने दिया है, जिसने कहा है कि यह देश में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार की जिम्मेदारी है कि वह योग्य व्यक्तियों को आवश्यक राहत का प्रावधान सुनिश्चित करे. मुत्ताकी के बयान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक और मुश्किल स्थिति में छोड़ दिया है, क्योंकि तालिबान वैश्विक वैधता की मांग को आगे बढ़ा रहा है और तालिबान नेतृत्व के साथ जुड़ने का आह्वान कर रहा है. मुत्ताकी ने अमेरिका की उनकी वापसी के दौरान तालिबान द्वारा दी गई मदद का जवाब नहीं देने के लिए भी आलोचना की.

उसने कहा, हमने उनके अंतिम व्यक्ति को निकालने तक अमेरिका की मदद की. लेकिन दुर्भाग्य से, अमेरिका ने हमें धन्यवाद देने के बजाय, हमारी संपत्ति को फ्रीज कर दिया. हम जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित कल की बैठक के दौरान अफगानिस्तान के लिए प्रतिबद्ध आपातकालीन सहायता निधि की प्रतिज्ञा का स्वागत करते हैं.

तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार को मान्यता देने का आग्रह
मुत्ताकी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तालिबान के साथ जुड़ने और अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार की मान्यता सुनिश्चित करने का आग्रह किया. मुत्ताकी ने कहा कि काबुल में तालिबान के नेतृत्व वाले प्रशासन को मान्यता देने में अनिच्छा पहले से ही पीड़ित अफगान अर्थव्यवस्था को और नुकसान पहुंचा सकती है. उसने कहा, हम अमेरिका समेत किसी भी देश के साथ काम करने को तैयार हैं. लेकिन हम किसी को भी अपने ऊपर हुक्म चलाने की इजाजत नहीं देंगे.

संयुक्त राष्ट्र दाता सम्मेलन ने देश को आर्थिक और मानवीय संकटों के कारण ढहने से रोकने के लिए अफगानिस्तान को सहायता के तौर पर एक अरब डॉलर का वादा किया है. लेकिन चिंता अभी भी तालिबान के नेतृत्व वाले प्रशासन की औपचारिक मान्यता और तालिबान के साथ औपचारिक जुड़ाव से संबंधित है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सहायता गलत हाथों में न जाए.

इसके अलावा तालिबान ने कतर, पाकिस्तान और उजबेकिस्तान जैसे देशों को उनकी सहायता आपूर्ति के लिए धन्यवाद दिया है. इसने यह स्पष्ट कर दिया है कि अफगानिस्तान के लिए किसी भी सहायता आपूर्ति को अंतरिम सरकार के माध्यम से वितरित करना होगा, एक ऐसी स्थिति, जिसके लिए पश्चिमी और अन्य देश तैयार नहीं दिख रहे हैं.

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