UNGA 76 Summit: तुर्की हाल के दिनों में लगातार भारत के खिलाफ बयानबाजी करता आ रहा है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी तुर्की ने कश्मीर का मुद्दा उठाया. इसके बाद भारत ने करारा जवाब देते हुए उसे साइप्रस पर घेरा है. दरअसल, साइप्रस में लंबे समय से चल रहे संघर्ष की शुरुआत 1974 में यूनान सरकार के समर्थन से हुए सैन्य तख्तापलट से हुई थी. इसके बाद तुर्की ने यूनान के उत्तरी हिस्से पर आक्रमण कर दिया था.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साइप्रस के अपने समकक्ष निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के साथ द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें उन्होंने साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
जयशंकर ने क्रिस्टोडौलाइड्स के साथ अपनी मुलाकात के बारे में बुधवार को ट्वीट किया, ‘हम आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. मैंने उनकी क्षेत्रीय अंतर्दृष्टि की सराहना की. सभी को साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करना चाहिये.’
Delighted to meet FM @Christodulides of Cyprus.
Working to take our economic ties forward.
Appreciated his regional insights.
Important that relevant UN Security Council resolutions in respect of Cyprus are adhered to by all. pic.twitter.com/pZXPefT9Sj
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 21, 2021
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कश्मीर का जिक्र किया था, जिसके कुछ घंटे बाद जयशंकर ने यह ट्वीट किया. एर्दोआन ने मंगलवार को सामान्य चर्चा में अपने संबोधन में कहा, ‘हमारा मानना है कि कश्मीर को लेकर 74 साल से जारी समस्या को दोनों पक्षों को संवाद तथा संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के जरिये हल करना चाहिये.’
अतीत में भी एर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया था, जिस पर भारत ने आपत्ति जतायी थी. भारत संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के तहत इस मामले के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करता रहा है.
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