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इजरायल ने टीका न लगवाने वाले शिक्षकों के पढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया, स्कूलों में एंट्री पर रोक

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Vaccination In Israel: इजरायल में जिन शिक्षकों को कोविड-19 का टीका नहीं लगाया गया है, उनके स्कूलों में प्रवेश पर तब तक प्रतिबंध लगा दिया जाएगा, जब तक कि उनकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव नहीं आती है. इसकी जानकारी शिक्षा मंत्रालय ने दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले के तहत, जो शिक्षक ग्रीन पास प्रस्तुत नहीं करते हैं, जो कि कोविड-19 टीकाकरण या बीमारी से उबरने का प्रमाण है. उन्हें 84 घंटे पहले तक किए गए रैपिड एंटीजन परीक्षण को प्रस्तुत करना आवश्यक है.

यह प्रतिबंध देश में उच्च कोविड-19 मामलों को कम करने के लिए इजरायल सरकार के प्रयासों का हिस्सा है. मंत्रालय के निर्देश के तहत इन शर्तों को पूरा नहीं करने वाले स्कूलों और किंडरगार्टन के शिक्षकों को अनुपस्थिति के दिनों का भुगतान नहीं किया जाएगा और न ही उन्हें जूम के माध्यम से पढ़ाने की अनुमति दी जाएगी.

इधर, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्वास्थ्य विभाग के दो कर्मियों को अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नाम से यहां एक सरकारी अस्पताल में फर्जी कोरोना टीका प्रमाणपत्र जारी करने के आरोप में गुरूवार को निलंबित कर दिया गया. पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई’ को बताया कि नवंबर 2019 से लंदन में इलाज करा रहे शरीफ को नेशनल कमांड ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) के रिकॉर्ड के मुताबिक बुधवार को चीनी कोविड-19 रोधी टीके सिनोवैक की पहली खुराक दी गई.

एनसीओसी के रिकॉर्ड के मुताबिक शरीब (71) को लाहौर के सरकारी कोट ख्वाजा सईद अस्पताल में टीका लगाया गया. यह प्रकरण पाकिस्तान में एक बड़े राजनीतिक तूफान में बदल गया है, जिसमें शरीफ के नेतृत्व वाले विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल)-एन ने प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके मंत्रियों को टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर निशाना बनाया है.

पीएमएल (नवाज) पंजाब की प्रवक्ता आजमा बुखारी ने कहा कि सरकार ने जहां कम्प्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र (सीएनआईसी) को ब्लॉक कर दिया है, वहीं तीन बार के प्रधानमंत्री का नाम एनसीओसी के आंकड़ों में शामिल है. उन्होंने कहा, “यह सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम पर गंभीर सवाल खड़ा करता है. यह विडंबना है कि एनसीओसी के आंकड़ों में शरीफ का टीकाकरण रिकॉर्ड भी सामने आया है.”

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