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चीन को ऐसे चुनौती देगा जापान और वियतनाम, अंतरिक्ष में घेरने के लिए बनाई यह रणनीति

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Japan & China Sign Pact Over Cyber Defense: जापान और वियतनाम ने अंतरिक्ष में रक्षा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिए मंगलवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. चीन के बढ़ते वर्चस्व पर चिंताओं के बीच दोनों एशियाई देश अपने सैन्य संबंधों का तेजी से विस्तार कर रहे हैं.परोक्ष रूप से चीन का संदर्भ देते हुए जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने संवाददाताओं से कहा कि अंतरिक्ष और साइबर क्षेत्र के समझौते का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गतिविधियों को देखते हुए उनका समाधान निकालना है, जो मौजूदा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को चुनौती देती है. किशी ने कहा कि वियतनामी समकक्ष फान वान गियांग के साथ उनकी बातचीत ने ‘दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है.’

जापान अपने नियंत्रण वाले सेनकाकू द्वीपों के पास चीनी तट रक्षक की उपस्थिति का लगातार विरोध करता रहा है. वहीं चीन भी इस क्षेत्र पर अपना दावा करता आया है और इसे ‘डियाओयू’ कहता है. जापान के अधिकारियों का कहना है कि चीनी जहाज नियमित रूप से द्वीपों के आसपास जापानी जल क्षेत्र की सीमा का उल्लंघन करते हैं. कई बार मछली पकड़ने वाली नौकाओं को भी धमकाया जाता है.

किशी ने यह भी कहा कि उन्होंने जापानी जल और हवाई क्षेत्र के पास चीन और रूस द्वारा संयुक्त सैन्य गतिविधियों में वृद्धि पर चिंता जताई है. जापानी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि साइबर हमले चीन से बढ़ते सुरक्षा खतरों का हिस्सा हैं.किशी ने कहा, “जापान ‘स्वतंत्र और लोकतांत्रिक’ Indo-Pacific क्षेत्र की रक्षा करने और संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य ‘समान विचारधारा वाले देशों’ के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है जो सार्वभौमिक मूल्यों को साझा करते हैं.”

वहीं वियतनाम 11वां ऐसा देश है, जिसके साथ जापान ने रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं. क्योंकि टोक्यो अपने स्वयं के संघर्षरत रक्षा उद्योग का समर्थन करना चाहता है. वह अपने पुराने सहयोगी अमेरिका से परे सैन्य सहयोग का विस्तार करना चाहता है और उसने ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपीन और इंडोनेशिया के साथ इसी तरह के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. गौरतलब है, मंगलवार को दोनों देशों के बीच हुआ यह समझौता इससे पहले वियतनाम को रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी प्रदान करने की अनुमति देने वाले समझौते के दो महीने के बाद ही हुआ है. 

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