अंतरराष्ट्रीय

पाकिस्तान की तालिबान से तुलना करने पर इमरान खान को लगी मिर्ची,वरिष्ठ नौकरशाह के खिलाफ होगी जांच

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

Imran Khan Ordered An Inquiry: पाकिस्तान के एक वरिष्ठ नौकरशाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देश की सरकार और अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार के बीच समानता की बात कही है. इस पर प्रधानमंत्री इमरान खान को मिर्ची लग गई है. इमरान खान ने वरिष्ठ नौकरशाह के खिलाफ जांच का आदेश दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी जानकारी दी गई है.

डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को इस्टैब्लिशमेंट डिवीजन द्वारा जारी आरोपों के एक बयान के अनुसार, कैबिनेट डिवीजन के एक वरिष्ठ संयुक्त सचिव हम्माद शमीमी के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हम्माद शमीमी ने एक सोशल मीडिया पेज/प्लेटफॉर्म पर एक टिप्पणी पोस्ट की थी, जो सिविल सेवकों (दक्षता और अनुशासन) 2020 नियम के तहत कदाचार के समान थी.

इसके बाद इस्टैब्लिशमेंट डिवीजन की नोटिफिकेशन के जरिए उर्दू में शमीमी के कथित पोस्ट को फिर से जारी किया गया. इसमें उन्होंने लिखा था, ‘पीटीआई (इमरान खान की पार्टी) और तालिबान के बीच एक समानता यह है कि दोनों सत्ता संभालने के बाद ही यह पता लगा रहे हैं कि सरकार कैसे चलाई जाए. और उन दोनों के लिए आशा का केंद्र अबपारा है.’ वरिष्ठ नौकरशाह के इस बयान के बाद खलबली मच गई.

सरकारी अफसरों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर रोक
पाकिस्तान सरकार की ओर से सोमवार को जारी एक अलग अधिसूचना में वरिष्ठ संयुक्त सचिव हम्माद शमीमी के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं. इसमें कहा गया है कि जांच 60 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए, जबकि जांच अधिकारी को स्पष्ट निष्कर्षों के साथ जांच पूरी होने के सात दिनों के भीतर प्राधिकरण को एक जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी. साथ ही सरकारी अफसरों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है. सरकारी कर्मचारियों को सरकार की अनुमति के अलावा किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म में भाग लेने से रोक दिया गया है.

अधिसूचना में सरकारी कर्मचारी नियम, 1964 के तहत सरकारी कर्मचारियों को अनुपालन के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित विभिन्न मीडिया मंचों पर सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी को नियंत्रित करने के लिए विस्तृत निर्देश दिए गए है. अधिसूचना में सभी सरकारी कर्मचारियों को चेतावनी दी गई थी कि इनमें से एक या अधिक निर्देशों का उल्लंघन कदाचार के समान होगा और सिविल सेवक (दक्षता और अनुशासन) नियम, 2020 के तहत दोषी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की ओर ले जाएगा.

ये भी पढ़ें-
Pakistan: अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद लश्कर-ए-तैयबा की मदद कर रहा पाकिस्तान, जारी है आतंकियों का प्रशिक्षण

Protests in Pakistan: चीन के Gwadar Port के खिलाफ पाकिस्तानी नागरिकों का विरोध प्रदर्शन, गिनाईं वजहें

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button