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Afghanistan Crisis: महिला के अधिकारों और शादी को लेकर क्या बोला तालिबान?

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Taliban In Afghanistan: तालिबान ने शुक्रवार को अपने सर्वोच्च नेता के नाम पर एक फरमान जारी किया, जिसमें अफगानिस्तान के सभी मंत्रालयों को महिलाओं के अधिकारों के मुद्दे पर ‘गंभीरता पूर्वक कार्रवाई करने’ का निर्देश दिया है. लेकिन जारी निर्देश पर उन्होंने लड़कियों की शिक्षा के मुद्दे पर चुप्पी साध ली है. 

अगस्त में सत्ता के सैन्य हस्तांतरण के बाद अफगानिस्तान ने महिलाओं के अधिकारों पर पाबंदी लगा दी थी. उनका यह निर्देश हाल ही में दोहा में अमेरिका के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद आया है. गौरतलब है कि इस बैठक में तालिबान ने अमेरिका से उनके जमा धन को जारी करने और विदेशी संगठनों द्वारा दी जानी वाली वित्तीय सहायता पर लगाए गए प्रतिबंधों को खत्म करने की मांग की थी.  

इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान ने अपने सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा के हवाले से फरमान जारी करते हुए अपनी सरकार के सभी मंत्रालयों को महिलाओं से जुडे सभी अधिकार सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं. 

महिलाओं के अधिकार के बारे में जारी फरमान के अनुसार कहा गया है कि “कोई भी महिलाओं को जबरदस्ती या दबाव से शादी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है.” इसके साथ ही यह भी आदेश जारी किया गया है कि एक विधवा अपने पति की विरासत के एक निश्चित हिस्से की हकदार है. उन्होंने अपने संस्कृति और सूचना मंत्रालय को निर्देश देते हुए कहा महिलाओं से जुड़े अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए और उनके ऊपर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए यह आदेश पूरे देश में प्रसारित किए जाएं.

हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि इस आदेश में अफगानिस्तान की लड़कियों की शिक्षा से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है. तालिबान के सैन्य शासन संभालने के बाद से ही वर्तमान में देश में लाखों लड़कियों की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा बाधित है और वह घर बैठने को मजबूर हैं.  

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