Desmond Tutu Died at 90: रंगभेद के खिलाफ संघर्ष करने वाले और नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले दक्षिण अफ्रीका के आर्चबिशप एमेरिटस डेसमंड टूटू (Archbishop Desmond Tutu) का रविवार को 90 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्हें देश का नैतिक कम्पास ( Country’s Moral Compass) कहा जाता है. डेसमंड टूटू को दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद विरोधी प्रतीक के रूप में जाना जाता है.
वहीं दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने आर्चबिशप के निधन पर शोक जताते हुए कहा, “आर्चबिशप एमेरिटस डेसमंड टूटू का निधन दक्षिण अफ्रीका की एक बहादूर पीढ़ी का अंत है जिन्होंने रंगभेद के खिलाफ संघर्ष कर हमें एक नया दक्षिण अफ्रीका दिया है.” रामफोसा ने कहा, “उन्होंने खुद को एक गैर-सांप्रदायिक, मानवाधिकारों के यूनिवर्सल चैंपियन के रूप में प्रतिष्ठित किया है.” हालांकि राष्ट्रपति ने डेसमंड टूटू के मौत के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी.
The passing of Archbishop Emeritus Desmond Tutu is another chapter of bereavement in our nation’s farewell to a generation of outstanding South Africans who have bequeathed us a liberated South Africa. pic.twitter.com/vjzFb3QrNZ
— Cyril Ramaphosa 🇿🇦 (@CyrilRamaphosa) December 26, 2021
1990 में कैंसर के बारे में पता चला था
बता दें कि 1990 के दशक के अंत में टूटू को प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) का पता चला था और पिछले कुछ सालों में इलाज के लिए उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था. टूटू को अक्सर दक्षिण अफ्रीका के नैतिक विवेक और दशकों की नस्लवादी राजनीति से विभाजित राष्ट्र के महान सुलहकर्ता के रूप में देखा जाता है. टूटू ने साल 1984 में, रंगभेद के अहिंसक विरोध के लिए नोबेल शांति पुरस्कार जीता था.