अंतरराष्ट्रीय

नेपाल के साथ सीमा को लेकर भारत का रुख एकदम स्पष्ट, भारतीय दूतावास ने जारी किया बयान

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

India Stand on Nepal Border: काठमांडू, 15 जनवरी (भाषा) भारतीय दूतावास ने शनिवार को यहां कहा कि नेपाल के साथ उसकी सीमा को लेकर भारत का रुख सर्वविदित, सुसंगत और स्पष्ट है. यह बयान ऐसे वक्त आया है जब नेपाल के विपक्षी दलों ने उन खबरों को लेकर असंतोष जताया है, जिसमें दावा किया गया कि भारत सरकार उन क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियां कर रही है, जिन्हें नेपाल ने अपने नक्शे में शामिल किया है.

नेपाल के मुख्य विपक्षी दल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) ने प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से सीमा मुद्दे पर बोलने और लिपुलेख पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है. यूएमएल के विदेश विभाग के प्रमुख राजन भट्टराई ने एक बयान में कहा, ‘‘यूएमएल का अटूट विश्वास है कि सड़कों और अन्य संरचनाओं का निर्माण रोक दिया जाना चाहिए. बातचीत के माध्यम से समस्या का त्वरित समाधान किया जाना चाहिए और तब तक कोई ढांचा नहीं बनाया जाना चाहिए, जब तक कि बातचीत के जरिए समाधान नहीं हो जाता.’’

भारत-नेपाल सीमा के सवाल पर नेपाल में हाल की खबरों और बयानों को लेकर मीडिया के सवालों पर भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारत-नेपाल सीमा पर भारत सरकार रुख सर्वविदित, सुसंगत और स्पष्ट है. इस बारे में नेपाल सरकार को अवगत करा दिया गया है.’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारा विचार है कि स्थापित अंतर-सरकारी तंत्र और माध्यम संवाद के लिए सबसे उपयुक्त हैं. पारस्परिक सहमति से बाकी सीमा मुद्दों का हमेशा हमारे करीबी और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों की भावना के अनुसार समाधान किया जा सकता है.’’

ये भी पढ़ें-UP Election 2022: रैली में भीड़ जुटाने से मुश्किल में समाजवादी पार्टी, चुनाव आयोग ने दिया नोटिस, 24 घंटे में मांगा जवाब

पिछले साल नवंबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में कहा था कि धारचूला होकर लिपुलेख दर्रे से मानसरोवर तक की सड़क के बारे में नेपाल में गलतफहमी पैदा करने का प्रयास किया गया था. रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भी यह दावा किया कि तीर्थयात्री जल्द ही वाहन से कैलाश-मानसरोवर की यात्रा कर सकेंगे क्योंकि केंद्र द्वारा घाटियाबागर से लिपुलेख तक की सीमा सड़क को पक्की सड़क में बदलने के लिए 60 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.

लिपुलेख दर्रा कालापानी के पास एक सुदूर पश्चिमी स्थान है, जो नेपाल और भारत के बीच का सीमा क्षेत्र है. भारत और नेपाल दोनों कालापानी को अपने क्षेत्र के अभिन्न अंग के रूप में दावा करते हैं. भारत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के हिस्से के रूप में और नेपाल धारचूला जिले के हिस्से के रूप में इसे अपना क्षेत्र मानता है.

ये भी पढ़ें- Assembly Election 2022: 22 जनवरी तक बड़ी फिजिकल रैलियों पर रोक, कोरोना की मौजूदा स्थिति के बाद चुनाव आयोग का बड़ा फैसला

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button