अंतरराष्ट्रीय

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस हरकत की वजह से जाम हो गया था White House का टॉयलेट

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Donald Trump Torn up White House Documents: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक बार फिर से विवादों में हैं. डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने राष्ट्रपति रहने के दौरान कागजातों को फाड़कर फ्लश किया था. जिसकी वजह से व्हाइट हाउस का टॉयलेट (White House Toilet) जाम हो गया था. इस आरोप के बाद दस्तावेजों के संरक्षण पर कानूनों के कथित उल्लंघन की उनकी सूची लंबी हो गई. पिछले हफ्ते नेशनल आर्काइव्स (National Archives) ने रिपोर्टों की पुष्टि की कि डोनाल्ड ट्रंप ने दस्तावेजों को फाड़ा था जिसकी वजह से टॉयलेट जाम हो गया था. ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ के मुताबिक नेशनल आर्काइव्स ने अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट (US Justice Department) से डोनाल्ड ट्रंप के दस्तावेजों को फाड़ने की हरकतों की जांच करने का अनुरोध किया है.

ट्रंप पर दस्तावेज फाड़कर फ्लश करने का आरोप

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति रहने के दौरान कई बार प्रोटोकॉल्स का उल्लघंन किया था. इस बार विवाद का संबंध प्रेसिडेंशियल रिकॉर्ड (Presidential Records) को संभालने वाले नेशनल आर्काइव से है. नेशनल आर्काइव्स के पास राष्ट्रपति के रिकॉर्ड को संरक्षित रखने की जिम्मेदारी है. नेशनल आर्काइव का कहना है कि राष्ट्रपति रहते हुए दूसरे मामलों के साथ ही व्हाइट हाउस (White House) के कागजातों को फाड़ने की ट्रंप की आदतों की गंभीरता से जांच हो. ये मामला तब सामने आया जब सरकारी रिकॉर्ड कार्यालय ने सोमवार को पुष्टि की कि उसने ट्रंप की फ्लोरिडा में स्थित संपत्ति से दस्तावेजों के 15 बक्से बरामद किए थे. दस्तावेजों में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ आधिकारिक पत्राचार भी थे.

ट्रंप ने आरोपों का किया खंडन

जानकारी के मुताबिक न्यूयॉर्क टाइम्स की एक पत्रकार ने अपनी आने वाली किताब ‘कॉन्फिडेंस मैन’ में भी इससे संबंधित मसले को लेकर विस्तार से चर्चा की है. किताब में इसका जिक्र किया गया है कि व्हाइट हाउस के कर्मचारियों ने यह देखा कि कागज की वजह से टॉयलेट जाम हो गया था. वहीं डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से साफ इनकार किया है. उन्होंने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति रहने के दौरान नेशनल आर्काइव के साथ उनके अच्छे संबंध थे. उनका कहना है कि फर्जी कहानी गढ़ी जा रही है. बता दें कि वाटरगेट घोटाले के मद्देनजर 1978 में राष्ट्रपति रिकॉर्ड अधिनियम (PRA) पारित किया गया था. जिसके तहत अमेरिकी राष्ट्रपतियों को सभी ईमेल, पत्र और दूसरे दस्तावेजों को नेशनल आर्काइव में स्थानांतरित करना जरूरी है.

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