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उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट से परेशान अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया, मिलकर बनाई रणनीति

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United States of America के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने जापान और दक्षिण कोरिया के अपने समकक्षों के साथ शनिवार को हवाई में बैठक कर परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया के कारण पैदा हुए खतरे पर चर्चा की. ब्लिंकन ने बैठक के बाद कि उत्तर कोरिया ‘‘उकसाने वाली कार्रवाई कर रहा’’ है और तीनों देशों ने हालिया मिसाइल टेस्ट की निंदा की. जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चुंग यूई-योंग के साथ बातचीत के बाद ब्लिंकन ने कहा, ‘‘हम अपने दृष्टिकोण में, अपने दृढ़ संकल्प में पूरी तरह से एकजुट हैं.’’

विदेश मंत्रियों ने जारी किया संयुक्त बयान
तीनों विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर उत्तर कोरिया से बातचीत में शामिल होने और अपनी ‘‘गैरकानूनी गतिविधियों’’ को बंद करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के प्रति उनकी कोई शत्रुतापूर्ण मंशा नहीं है और वे बिना किसी पूर्व शर्त के प्योंगयांग से बातचीत के लिए तैयार हैं.

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया लंबे समय से रुकी हुई परमाणु वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन पर दबाव डालने के मकसद से हथियारों का परीक्षण कर रहा है, क्योंकि उत्तर कोरिया में दशकों के कुप्रबंधन और प्रतिबंधों से पहले से ही पस्त अर्थव्यवस्था पर महामारी के कारण और दबाव पड़ा है.

बाइडन प्रशासन ने की बातचीत की पेशकश
बाइडन प्रशासन ने उत्तर कोरिया से खुली बातचीत की पेशकश की है, लेकिन उसके परमाणु कार्यक्रम में सार्थक कटौती के बिना प्रतिबंधों को कम करने की कोई इच्छा नहीं दिखाई है. प्रतीत होता है कि उत्तर कोरिया अपने सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी चीन में शीतकालीन ओलंपिक के कारण अपने परीक्षणों को फिलहाल रोक रहा है, लेकिन विश्लेषकों का मानना ​​है कि उत्तर कोरिया ओलंपिक के बाद अपने हथियारों के परीक्षण में नाटकीय रूप से वृद्धि करेगा.

हाल के परीक्षणों ने उत्तर कोरिया के पड़ोसियों दक्षिण कोरिया और जापान को झकझोर दिया है. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच 2018 और 2019 में ऐतिहासिक वार्ता शुरू करने में मदद करने वाले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन ने पिछले महीने कहा था कि ये परीक्षण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन हैं और उन्होंने उत्तर कोरिया से आग्रह किया था कि वह ‘‘तनाव और दबाव पैदा करने वाली कार्रवाइयां’’ बंद करे.

उत्तर कोरिया ने 2006 में पहला परमाणु परीक्षण किया था, जिसके बाद सुरक्षा परिषद ने उस पर प्रतिबंध लगाए थे. इसके बाद किए गए परमाणु परीक्षण के कारण इन प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया था. चीन और रूस ने उत्तर कोरिया की आर्थिक कठिनाइयों का हवाला देते हुए समुद्री खाद्य निर्यात पर प्रतिबंध और विदेशों में काम करने वाले उसके नागरिकों पर रोक और उनकी कमाई घर भेजने जैसी पाबंदियों को हटाने का आह्वान किया है.

ब्लिंकन पहुंचे फिजी
ब्लिंकन फिजी से हवाई पहुंचे, जहां उन्होंने देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अयाज सय्यद-खैयम और अन्य प्रशांत क्षेत्रीय नेताओं के साथ क्षेत्रीय मुद्दों, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न अस्तित्व संबंधी जोखिम के बारे में बात करने के लिए मुलाकात की. किसी अमेरिकी विदेश मंत्री की 1985 के बाद फिजी की यह पहली यात्रा थी.

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से प्रशांत क्षेत्र के अपने दौरे की शुरुआत की, जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के अपने समकक्षों से मुलाकात की. ‘क्वाड’ हिंद-प्रशांत में इन चार लोकतंत्रिक देशों का समूह है, जिसे चीन के क्षेत्रीय प्रभाव का मुकाबला करने के लिए बनाया गया.

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