Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच करीब 2 महीने से चल रहे तनाव के बीच बुधवार को राहत भरी खबर आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने पीछने हटने का ऐलान किया है. सेना के जवान पीछे हटने लगे हैं. बता दें कि दोनों देशों के बीच काफी लंबे समय से युद्ध की स्थिति बनी हुई है. माना जा रहा था कि रूस 16 फरवरी को यूक्रेन पर हमला भी कर सकता है. अमेरिका लगातार रूस पर ऐसा न करने का दबाव भी बना रहा था. इन सबके बीच बुधवार को सेना के पीछे हटने की खबर राहत लेकर आई.
Russia announces end of Crimea military drills, troops leaving: AFP News Agency
— ANI (@ANI) February 16, 2022
1 दिन पहले ही यूक्रेन में मच गई थी अफरातफरी
बता दें कि इससे पहले दोनों देशों के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा था. कभी भी युद्ध का खतरा बना हुआ था. वहीं, मंगलवार को अचानक यूक्रेन में बड़ा साइबर अटैक हुआ जिससे अफरातफरी मच गई. वहां की सरकार ने इसके पीछे रूस का हाथ बताया. यह साइबर अटैक वहां की सरकारी एजेंसियों और बड़े बैंकों पर हुआ था. इस अटैक की वजह से करीब 10 वेबसाइट्स तो ऑपरेट भी नहीं हो पा रही हैं. यूक्रेन सरकार का कहना था कि इस साइबर अटैक के पीछे रूस शामिल हो सकता है. क्योंकि वह सीधा हमला नहीं कर पा रहा है तो उसने अब यह तरीका अपनाया है.
युद्ध होने पर होता व्यापक असर
बेशक अभी युद्ध टलने की खबर आ रही है, लेकिन दोनों देशों के बीच अगर युद्ध होता तो इसका व्यापक असर पड़ता और इसकी कीमत पूरी दुनिया को चुकानी पड़ती. दरअसल, रूस नेचुरल गैस का सबसे बड़ा सप्लायर है. क्रूड ऑयल उत्पादन में भी रूस का काफी हिस्सा है. युद्ध की वजह से इन दोनों की सप्लाई पर असर पड़ता और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी होती. यूरोप की निर्भरता तो रूस पर ही है। यूरोप के देशों को 40 फीसदी से ज्यादा गैस रूस ही सप्लाई करता है. युद्ध की आहट की वजह से दुनियाभर के शेयर बाजार क्रैश हो रहे थे.
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