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क्या किसी भी बहाने यूक्रेन पर हमला करना चाहता है रूस? पश्चिमी देशों को सता रही ये चिंता

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Ukraine Conflict: यूक्रेन पर रूस किस प्रकार हमला कर सकता है इसके बारे में अमेरिका ने अब तक की सबसे विस्तृत चेतावनी दी है और पश्चिमी देश इसे लेकर सतर्क हैं कि क्रेमलिन कोई बहाना बनाकर यूरोप में एक नया युद्ध छेड़ सकता है.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को कहा कि रूस के पीछे हटने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है, इसकी बजाय और सैनिक यूक्रेन की सीमा पर एकत्र हो रहे हैं जिससे पता चलता है कि मास्को कभी भी हमला कर सकता है. बाइडन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, “हमारे पास इसकी पूरी जानकारी है कि वे यूक्रेन पर हमला करने वाले हैं.”

कोई भी बहाना बना सकता है रूस

बाइडन ने कहा कि अमेरिका के पास यह मानने के पर्याप्त कारण हैं रूस युद्ध शुरू करने के लिए कोई भी बहाना बना सकता है. पश्चिमी देशों को आशंका है कि रूस के 1,50,000 सैनिक (रूस की थलसेना का लगभग 60 प्रतिशत) यूक्रेन की सीमा पर तैनात हैं. क्रेमलिन का दावा है कि उसकी आक्रमण की कोई योजना नहीं है.

राजनयिक माध्यम से संकट को खत्म करने पर है अमेरिका का जोर 

बाइडन, राजनयिक माध्यम से इस संकट को सुलझाने के लिए शुक्रवार को अटलांटिक देशों के नेताओं के साथ बातचीत कर सकते हैं. खुफिया सूचना से अवगत एक अधिकारी के अनुसार गुरुवार की शाम तक अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारी रूस द्वारा बहाना बनाकर युद्ध छेड़ने की आशंका को लेकर बेहद सतर्क थे.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, ‘जब हम आज बैठक कर रहे हैं, शांति और सुरक्षा के लिए सबसे तात्कालिक खतरा यूक्रेन के खिलाफ रूस की बढ़ती आक्रामकता है.’

युद्ध की राह पर कदम उठा रहा है अमेरिका

ब्लिंकन ने कहा कि ‘हम ठीक से नहीं जानते’ कि चीजें कैसे सामने आएंगी. उन्होंने कहा, ‘वास्तव में, यह अभी सामने आ रहा है. आज, जब रूस युद्ध की राह पर कदम बढ़ा रहा है और सैन्य कार्रवाई का नया खतरा उत्पन्न कर रहा है. रूस सबसे पहले, अपने हमले के लिए एक बहाना बनाने की योजना बना रहा है.’

ब्लिंकन ने कहा कि इसमें यूक्रेन के अलावा भी काफी कुछ दांव पर है और यह लाखों लोगों के जीवन और सुरक्षा के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र चार्टर का आधार और दुनियाभर में स्थिरता को बनाए रखने वाली ‘नियम-आधारित’ अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए संकट का पल है.

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