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नासा कैसे नष्ट करेगा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन, क्या है इसमें खतरें?

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कैम्ब्रिज (ब्रिटेन): अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने 2031 में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) (International Space Station ISS) को आधिकारिक तौर पर बंद करने की योजना की घोषणा की है. वर्ष 1998 से दर्जनों प्रक्षेपणों के बाद स्टेशन को और ऊपरी कक्षा (higher orbit) में ले जाया गया. ऐसे में इसे नीचे लाना अपने आप में एक उपलब्धि होगी. मगर, इसमें खतरे भी हैं.

नासा की योजना खत्म करने की प्रक्रिया के लिए प्रशांत महासागर के बीच में ‘प्वाइंट निमो’ नामक एक स्थान पर इसे डुबोना है जिसे ‘‘अंतरिक्ष यान के कब्रिस्तान’’ के रूप में भी जाना जाता है. आईएसएस के संचालन को नए वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन में बदलने और शेष संरचना को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लाने के लिए ‘प्वाइंट निमो’ एक जटिल और बहु-चरणीय मिशन का अंतिम पड़ाव होगा.

मूल रूप से 15 साल के जीवनकाल के लिए तैयार किया गया आईएसएस सभी अपेक्षाओं को पूरा कर रहा है. यह पहले से ही 21 वर्षों से परिचालन में है और नासा ने एक और दशक के लिए कार्यकाल आगे बढ़ दिया है, जिससे कक्षा में इसके कुल नियोजित समय को दोगुना कर दिया गया है.

आईएसएस का उद्देश्य
आईएसएस ने पांच अलग-अलग अंतरिक्ष एजेंसियों (अमेरिका, रूस, यूरोप, कनाडा और जापान) को शामिल करते हुए मानव जाति में विज्ञान और सहयोग के लिए एक बड़ी छलांग लगाई है. अंतरिक्ष में काम करने के लिए आईएसएस के मॉड्यूल और इसके हिस्सों को कई अलग-अलग देशों द्वारा क्रमिक तौर पर बनाया गया है. यह संरचना अब एक फुटबॉल मैदान की लंबाई तक फैली हुई है और अंतरिक्ष में मानव निर्मित सबसे बड़ी वस्तु है. यह पृथ्वी से भी दिखाई देता है, जब यह पृथ्वी की सतह से 400 किलोमीटर ऊपर से गुजरते हुए अपनी 16 दैनिक कक्षाओं को पूरा करता है.

आईएसएस के तथाकथित माइक्रोग्रैविटी वातावरण में अनुसंधान ने पिछले एक दशक में दवा की खोज, टीके के विकास और चिकित्सा उपचार में सफलता हासिल की है. आईएसएस वास्तविक समय में पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र और प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी करने में भी मदद करता है. इसका उपयोग भविष्य की अंतरिक्ष यान प्रौद्योगिकियों का परीक्षण करने और सौर मंडल के भविष्य के मानव अन्वेषण की संभावना के लिए दीर्घकालिक अध्ययन करने के वास्ते भी किया जाता है.

बुनियादी ढांचे और घटकों के धीमा होने के संकेत
आईएसएस पर अनुसंधान को लेकर कामयाबी के बावजूद नासा ने इसके बुनियादी ढांचे और घटकों के धीमा होने के संकेत देखे हैं. पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में आईएसएस एक तरफ सौर विकिरण से झुलस जाता है और दूसरी तरफ जम जाता है. अंतरिक्ष में उड़ने वाले कबाड़ के बढ़ने से विनाश का अनियोजित और विनाशकारी जोखिम भी पैदा होता है.

नासा ने 2030 तक स्टेशन को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता जताई है. उसके सहयोगी संगठनों ने अभी तक आधिकारिक रूप से समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जिसका अर्थ है कि कक्षा से बाहर निकलने का अंतिम निर्णय इंजीनियरिंग के साथ राजनीति पर भी निर्भर करेगा.

1979 में नासा का स्काईलैब स्टेशन हुआ था दुर्घटनाग्रस्त
यदि आधिकारिक रूप से इसे बंद करने की प्रक्रिया से पहले गिरावट या अनियोजित क्षति होती है तो अनियंत्रित तौर पर दिशाहीन होकर गिरने वाला आईएसएस गंभीर खतरे पैदा कर सकता है. वास्तव में यह आकाश से गिरने वाला पहला अंतरिक्ष स्टेशन नहीं होगा. वर्ष 1979 में नासा के स्काईलैब स्टेशन को समय पर ईंधन नहीं दिया गया था और यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह नियंत्रण से बाहर हो गया ऑस्ट्रेलिया के इर्द गिर्द स्टेशन का हिस्सा बिखर गया. किसी को नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन इसने आगे सुधारों की राह दिखाई.

डिजाइन नष्ट होने के लिए तैयार उपग्रहों की इंजीनियरिंग और अन्य परिक्रमा करने वाले अंतरिक्ष बुनियादी ढांचे के लिए एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है. कक्षा से स्वतंत्र रूप से गिरने वाली वस्तुओं को छोटे टुकड़ों में बिखरना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे जमीन पर लोगों के लिए खतरा पैदा नहीं करे. आईएसएस का आकार बहुत बड़ा है. यही कारण है कि हमें कक्षा से बाहर करने के लिए विशेष संचालन की आवश्यकता है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि किसी महानगरीय क्षेत्र में यह अनियंत्रित रूप से दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो सबसे बदतर स्थिति ‘‘9/11 जैसी घटना’’ हो सकती है. हालांकि, यह बिल्कुल असंभव है.

आईएसएस के लिए नियोजित, नियंत्रित, डी-ऑर्बिट ऑपरेशन में नव निर्मित मॉड्यूल पहले मुख्य संरचना से अलग हो जाएंगे और अंततः भविष्य के अंतरिक्ष स्टेशनों के हिस्सों के रूप में पुनर्संयोजन के लिए कक्षा में रहेंगे. आईएसएस को फिर ऑनबोर्ड थ्रस्टर्स द्वारा धीरे-धीरे घटाया जाएगा, जिससे इसकी कक्षा की ऊंचाई कुछ महीनों के दौरान धीरे-धीरे कम हो जाएगी.

रूसी अंतरिक्ष स्टेशन पहले सुरक्षित नीचे लाया गया था
एक रूसी अंतरिक्ष स्टेशन को पूर्व में इसी तरह सुरक्षित रूप से नीचे लाया गया था. हालांकि आईएसएस लगभग चार गुना बड़ा है, इसलिए इस पैमाने पर कोई ऑपरेशन नहीं हुआ है. आईएसएस 2031 में कक्षा से पूरी तरह से हटने से पहले महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अनुसंधान को बनाए रखने और अंतरिक्ष में नए उद्योगों का आधार तैयार करने के लिए संक्रमणकालीन चरण से गुजरेगा.

जेफ बाजोस के ब्लू ओरिजिन ने हाल में आईएसएस को कंपनी के निजी तौर पर संचालित अंतरिक्ष स्टेशन से बदलने की योजना की घोषणा की. अन्य प्रमुख समूहों में नॉथ्रॉप ग्रुम्मन और एक्सिओम स्पेस (स्पेसएक्स के साथ भागीदारी) शामिल हैं, जिनके पास मौजूदा आईएसएस से 2024 की शुरुआत में मॉड्यूल का निर्माण शुरू करने का अनुबंध है. एक रूसी अंतरिक्ष स्टेशन की भी योजना है जिसमें मौजूदा आईएसएस से अलग किए गए मॉड्यूल शामिल होने की संभावना है. इस बीच, चीन ने पिछले साल अपने तियानगोंग अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल लॉन्च किया और आने वाले महीनों में इसके विस्तार को पूरा करने की योजना है.

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