रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ ने कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच संभावित शांति वार्ता की संभावनाएं एक स्थल को लेकर स्पष्ट मतभेदों के कारण अनिश्चित दिख रही है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शुक्रवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मिंस्क, बेलारूस में यूक्रेनी अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजने पर सहमत हुए हैं. बेलारूस में राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की रूस समर्थक सरकार सत्ता में है.
पेसकोव ने कहा कि पक्षों द्वारा मिंस्क को संभावित स्थल के रूप में चिह्नित करने के बाद यूक्रेनी अधिकारी मुकर गए हैं और कहा कि वे मिंस्क की यात्रा करने के इच्छुक नहीं हैं. पेसकोव ने कहा कि यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि वे नाटो के सदस्य देश पोलैंड में मिलना पसंद करेंगे और फिर उन्होंने संवाद बंद कर दिया.
48 घंटों में 50 हज़ार लोगों ने देश छोड़ा
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्होंने अंडरग्राउंड होने की बातों को नकार दिया है. उन्होंने उसे रूस का प्रोपेगेंडा करार दिया है. उन्होंने कहा कि हम सभी यहीं हैं. दूसरी तरफ यूएन ने दावा किया है कि जंग के बीच पिछले 48 घंटों के दौरान करीब 50 हज़ार लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है.
आपको बता दें कि जंग के दूसरे दिन ही रशिया की ताकत के सामने यूक्रेन बेबस नज़र आने लगा. यूक्रेन ने रूस को बातचीत का प्रस्ताव दिया. ये जानकारी रूस के न्यूज एजेंसी ताश के हवाले से सामने आई. इधर चीन ने दावा किया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीनी प्रेजिडेंट से बातचीत में कहा कि वो यूक्रेन के साथ उच्च स्तरीय बातचीत के लिए तैयार हैं. हालांकि अब रूस ने दावा किया है कि बातचीत की जगह को लेकर मतभेद दिखाई दे रहे हैं.
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