अंतरराष्ट्रीय

भारतीय दूतावास ने खारकीव में अपने सभी नागरिकों को ऑनलाइन फॉर्म भरने को कहा, जानें क्या है यह

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यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने गुरुवार को खारकीव में सभी भारतीय नागरिकों को तत्काल एक ऑनलाइन फॉर्म भरने की सलाह दी है. यह सलाह ऐसे समय दी गई है जब पूर्वी यूक्रेनी शहर पर रूस के हमले जारी हैं. दूतावास ने बुधवार को अपने सभी नागरिकों को तुरंत खारकीव छोड़ देने और इसके 16 किलोमीटर के दायरे में स्थित तीन सुरक्षित क्षेत्रों में जाने को कहा था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार शाम एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि बुधवार को दूतावास की सलाह के बाद लगभग 1,000 भारतीय पिसोचिन पहुंच गए हैं.

दूतावास ने गुरुवार को एक परामर्श में कहा, ‘‘सभी भारतीय नागरिक जो खारकीव में हैं, जो पिसोचिन में हैं उन्हें छोड़कर, कृपया फॉर्म में विवरण तत्काल भरें.’’ गूगल फॉर्म में मांगे गए विवरण में नाम, ईमेल, फोन नंबर, खारकीव में पता, पासपोर्ट नंबर और किसी भारतीय के साथ अतिरिक्त लोगों की जानकारी शामिल है. बागची ने कहा कि माना जाता है कि कुछ सौ भारतीय अभी भी खारकीव में फंसे हुए हैं और भारत पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष के अन्य क्षेत्रों की स्थिति के साथ-साथ शहर के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखे हुए है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारतीयों की वापसी को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि, ऑपरेशन गंगा के तहत 30 उड़ानें अब तक यूक्रेन से 6,400 भारतीयों को लेकर भारत पहुंचीं हैं. अगले 24 घंटों में 18 और फ्लाइट शेड्यूल हैं. इनमें 3 फ्लाइट भारतीय वायुसेना की C-17 हैं. बाकी के कमर्शिलय फ्लाइट हैं, जिनमें एयर इंडिया, ईंडिगो, स्पाइस जेट, गो एयर और गो फर्स्ट की फ्लाइट्स हैं. उड़ानों की यह संख्या उन बड़ी संख्या में भारतीयों को दर्शाती है जो यूक्रेन से पार कर गए हैं और अब पड़ोसी देशों में हैं. हम इन सभी भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द भारत वापस लाने के प्रयास कर रहे हैं.

हालांकि भले ही भारत सरकार ने हजारों लोगों को यूक्रेन से बाहर निकाल लिया हो, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इन्हें लेकर विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि, शुरुआत में 20,000 भारतीय नागरिकों का रजिस्ट्रेशन किया गया था, लेकिन कई ऐसे भी थे जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था. हमारा अनुमान है कि कुछ सौ नागरिक अभी भी खारकीव में रह रहे हैं. हमारी प्राथमिकता छात्रों को सुरक्षित रूप से बाहर ले जाना है.

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