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रूसी बमबारी के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र परेशान, खाने और दवाइयों की भी किल्लत

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Indian Students in Ukraine: रूस के हमले के बीच अब भी कई भारतीय छात्र यूक्रेन के अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं. जिन्हें लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और वो सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. रूसी हमले में बुरी तरह प्रभावित शहर खारकीव से निकलकर पसोचिन और सूमी में मौजूद बच्चों की स्थिति चिंताजनक है. ये बच्चे काफी ज्यादा परेशान हैं. 

बमबारी से दहशत में छात्र

भारतीय छात्र इसलिए परेशान हैं कि कैसे रूस से लगे उस बॉर्डर तक जाएंगे जहां उनकी सुरक्षित निकासी के लिए बसों का इंतजाम किया गया है. सूमी में जहां 700 से अधिक भारतीय छात्र हैं, वहां बीती रात काफी बमबारी हुई है. जिससे छात्र काफी दहशत में हैं. साथ ही यहां उन्हें खाने-पीने के समान और दवाओं की काफी दिक्कत आ रही है.

खारकीव की तरफ लौटने को मजबूर हो रहे छात्र

साथ ही खारकीव में भी बमबारी का सिलसिला लगातार जारी है. ऐसे में पसोचिन में फंसे बच्चे ना तो ट्रेन पकड़ने के लिए खारकीव जा सकते हैं और ना ही रूस सीमा की तरफ जा पा रहे हैं. छोटे से पसोचिन में भारतीय छात्रों के सामने खाने-पीने की भी बड़ी मुश्किल पेश आ रही है. एक छात्र ने हमें बताया कि किस तरह कल केवल ब्रेड के कुछ टुकड़े और अचार के सहारे दिन गुजारना पड़ा. ऐसे ही बाकी छात्र भी खाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. इस मुश्किल के बीच कई छात्र तो वापस पैदल चलकर खारकीव जाने पर भी विचार कर रहे हैं, ताकि वहां से ट्रेन ले सकें. हालांकि इसमें काफी खतरा है. क्योंकि रास्ते में एक यूक्रेनी बेस पड़ता है जहां लगातार रूसी बमबारी हो रही है.

फिलहाल इन छात्रों को नहीं पता है कि उन्हें आगे क्या करना है. क्योंकि भारत सरकार की तरफ से कहा गया है कि छात्र यूक्रेन की सीमाओं को पार कर पड़ोसी देशों तक पहुंचें, जहां से उन्हें एयरलिफ्ट किया जाएगा. लेकिन छात्रों की असली मुश्किल यूक्रेन से सुरक्षित निकलना है. इससे पहले कई छात्र ये आरोप लगा चुके हैं कि यूक्रेन में रहते हुए उन्हें सरकार से मदद नहीं मिल रही है. 

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